
तत्काल टिकट की बुकिंग में चल रही दलाली और फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए भारतीय रेलवे अब बड़ा बदलाव करने जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य असली यात्रियों को प्राथमिकता देना और दलालों की चल रही मनमानी को रोकना है।
रेल मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकटों के लिए ई-आधार वेरिफिकेशन की शुरुआत करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जो यात्री वास्तव में यात्रा करना चाहते हैं, उन्हें जरूरत के समय कन्फर्म टिकट मिल सके।”
रेल मंत्रालय के अनुसार नई व्यवस्था लागू होने के बाद सिर्फ आधार से सत्यापित यूजर्स ही तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे। यानी अब कोई भी फर्जी आईडी या स्क्रिप्ट के जरिए टिकट नहीं हथिया पाएगा।
रेलवे की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मई 2025 के बीच 2.9 लाख संदिग्ध PNR ट्रैक किए गए हैं। ये वे टिकट हैं जो बुकिंग खुलने के महज पहले पांच मिनट में ही गायब हो जाते थे। इस दौरान करीब 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को बंद किया गया है, जो अवैध रूप से टिकट बुकिंग के लिए इस्तेमाल हो रही थीं।
सूत्रों के अनुसार यह सुविधा पहले चुनिंदा जोन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की जाएगी और सफल परीक्षण के बाद देशभर में इसे लागू किया जाएगा। टिकट बुकिंग के समय यूजर्स को अपने आधार नंबर के माध्यम से OTP वेरिफिकेशन करना होगा।
रेलवे का यह कदम न सिर्फ तत्काल टिकटों की किल्लत को कम करेगा, बल्कि यात्रियों का विश्वास भी बहाल करेगा। यात्री अब उम्मीद कर सकते हैं कि ‘तत्काल’ शब्द वास्तव में उनके लिए राहत लेकर आएगा, न कि दलालों की जेबें भरने का जरिया बनेगा।