● अब तक 18.55 लाख महिलाएं हुईं सशक्त

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों की 18.55 लाख सदस्याएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) अब इस संख्या को और बढ़ाने के लिए महिलाओं की आय के नए स्रोत जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है।
देशभर में चल रही लखपति महिला योजना के तहत तीन करोड़ महिला सदस्यों की वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये या उससे अधिक करने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2026-27 तक 28.92 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यूपीएसआरएलएम ने पिछले वर्ष 75 लाख सदस्यों की आय का सर्वे कराया था। अब हर सदस्य को कम से कम दो या अधिक आजीविका स्रोतों से जोड़ा जा रहा है। इस दिशा में केंद्र से लेकर ग्राम स्तर तक समन्वय समितियां बनाई गई हैं और 34,269 से अधिक लखपति कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) तैयार किए गए हैं।
रेशम, कृषि, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, बाल विकास, पंचायती राज, पशुपालन, मनरेगा, सहकारिता, मत्स्य और पर्यटन समेत कई विभाग मिलकर आजीविका संवर्धन पर काम कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिए हैं कि अधिक से अधिक महिला समूहों को कृषि व गैर-कृषि आजीविका, टेक होम राशन प्लांट, बैंक सखी, विद्युत सखी, बकरी व मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों से जोड़ा जाए ताकि उनकी आय में निरंतर वृद्धि हो।