
महान धावक उसेन बोल्ट का कहना है कि प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए देखना उनके लिए ट्रैक पर बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा रहा है। रफ्तार और विश्व रिकॉर्ड का पर्याय बन चुके बोल्ट ने अपने करियर का समापन आठ ओलंपिक स्वर्ण पदकों और 11 विश्व चैंपियनशिप खिताबों के साथ किया, जो किसी भी ट्रैक एंड फील्ड एथलीट के लिए अद्वितीय उपलब्धि है।
जमैका के इस धावक ने शुक्रवार को जमनाबाई नरसी परिसर में आयोजित फायरसाइड चैट में कहा,“मैं बचपन से ही क्रिकेट का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। क्रिकेटरों की प्रतिभा, उनकी मेहनत, और खुद को प्रस्तुत करने का तरीका देखकर मैंने कम उम्र में ही कड़ी मेहनत करने और सर्वश्रेष्ठ बनने का संकल्प लिया।”
जमैका ने माइकल होल्डिंग, कर्टनी वाल्श, क्रिस गेल और जेफ डुजान जैसे दिग्गज क्रिकेटर दिए हैं। संभव है कि बोल्ट पर इनका प्रभाव पड़ा हो। जब उनसे पूछा गया कि उनकी महानता की यात्रा को परिभाषित करने वाले तीन शब्द कौन से हैं, तो उन्होंने संक्षेप में उत्तर दिया, “कड़ी मेहनत।”
बोल्ट के नाम 100 मीटर में 9.58 सेकेंड का अब तक का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए सफलता का मूलमंत्र बहुत सरल है, कड़ी मेहनत और समर्पण। मुझे ट्रैक एंड फील्ड से बचपन से लगाव रहा है और मैंने इसमें सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए लगातार मेहनत की है।”
