
बलिया। “आओ गायें रामकथा घर-घर में” इस आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज के व्यासत्व में बलिया के टी.डी. कॉलेज प्रांगण में 29 सितम्बर से 7 अक्टूबर 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक नौ दिवसीय रामकथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस रामकथा के मुख्य संकल्पी उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह हैं।
मानस के व्यवहार घाट के वक्ता, क्रांतिकारी संत पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज ने रामकथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “यह ऐसी कथा है जिसमें जो जिस भाव से आता है, उसे वही भाव दृष्टिगोचर होता है। श्रद्धा पूर्वक सुनने पर यह सदैव मंगलकारी होती है। यह भ्रम और भटकाव को दूर करने वाली है।”
महाराजश्री ने व्यासपीठ से निवेदन करते हुए कहा कि कथा में भीड़ को उठाकर न लाया जाए। जिसके प्रारब्ध में यह सौभाग्य होगा, वह स्वयं आकर रामकथा सुनेगा। उन्होंने कहा, “स्वार्थ के विस्तार का ही नाम परमार्थ है।”
प्रेमभूषण महाराज ने श्रोताओं को कल्याणकारी मानस प्रेमसूत्र प्रदान करते हुए कहा कि जीवन में अपने हित-लाभ के साथ सत्संग और परमार्थ कार्य करते रहना चाहिए। यही पुण्य आगे की जीवन-यात्रा में साथ जाएगा।
अपने विशिष्ट शैली में महाराजश्री ने मानस भाव-प्रसंगों को सहजता से समझाते हुए अपने लोकप्रिय भजनों “जय जय रामकथा” और “सत्संगति से प्यार करना सीखो जी” सुनाकर वातावरण को भावविभोर कर दिया।
शक्ति उपासना के पावन पर्व नवरात्रि की मंगल बधाई देते हुए महाराजश्री ने अपना सर्वाधिक लोकप्रिय भजन “निमिया की डारी मइया” प्रस्तुत किया और कहा – “माँ ही ऐसी है जिसकी सब पर सहज कृपा है।”
कथा क्रम में शिव-सती प्रसंग की चर्चा करते हुए प्रेमभूषण महाराज ने श्रोताओं को सचेत किया, “श्रेष्ठ का परीक्षण करना सदैव अमंगलकारी होता है। इसलिए श्रेष्ठ पर सदैव विश्वास करते हुए उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए।”
