
नई दिल्ली। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के आशीर्वाद तथा उनकी प्रेरणादायी शिक्षाओं के मार्गदर्शन में, संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन वर्षों से देश और विदेश में स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का सफल आयोजन करती आ रही है। इस सेवा-यात्रा का मूल उद्देश्य है– मानवता की निस्वार्थ सेवा।
इस वर्ष भी मिशन ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के अनेक राज्यों में रक्तदान शिविर आयोजित किए। मानव सेवा के इस अनुकरणीय योगदान हेतु राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस पर एम्स, नई दिल्ली स्थित ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल द्वारा संत निरंकारी मंडल को एवार्ड ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया। यह सम्मान मंडल के महासचिव सुखदेव सिंह ने 2 अक्टूबर को ग्रहण किया। इस अवसर पर मिशन के मेडिकल सर्विस कोऑर्डिनेटर डॉ. नरेश अरोड़ा जी भी उपस्थित रहे।
सम्मान प्राप्त करते हुए श्री सुखदेव सिंह जी ने कहा, “संत निरंकारी मिशन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के मार्गदर्शन में सदैव समाज कल्याण हेतु समर्पित है। रक्तदान केवल जीवन बचाने का कार्य नहीं बल्कि मानवता की भावना को सशक्त करने का माध्यम है। यह सेवा बाबा हरदेव सिंह जी के पावन संदेश – ‘रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं’ – की प्रेरणा से प्रारंभ हुई थी और आज भी उसी भावना के साथ जारी है।”
मिशन के सचिव जोगिंदर सुखीजा जी ने बताया कि अब तक मिशन द्वारा लगभग 14 लाख 50 हजार यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। रक्तदान के अतिरिक्त, संत निरंकारी मिशन प्राकृतिक आपदाओं – जैसे बाढ़ और भूकंप – के समय भी राहत व पुनर्वास कार्यों में सदैव अग्रणी रहता है। सेवा और समर्पण के इस मूल मंत्र के माध्यम से मिशन समाज के प्रत्येक वर्ग तक मानवता और एकता का संदेश पहुँचाता है।
