
भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने स्पष्ट किया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का निर्णय पूरी तरह उनका निजी फैसला था। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट छोड़ने के लिए उन्हें किसी ने दबाव में नहीं डाला था।
39 वर्षीय अश्विन ने पिछले वर्ष ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर सबको चौंका दिया था। इसके कुछ महीनों बाद, अगस्त 2025 में उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से भी विदाई की घोषणा कर दी।
अपने यूट्यूब चैनल पर बातचीत में अश्विन ने कहा, “किसी ने मुझसे यह नहीं कहा कि तुम्हें संन्यास ले लेना चाहिए या टीम में तुम्हारे लिए अब जगह नहीं है। सच तो यह है कि जब मैंने अपने निर्णय की बात की, तो दो-तीन लोगों ने मुझे ऐसा न करने की सलाह दी थी। वे चाहते थे कि मैं कुछ और समय तक खेलता रहूं।”
उन्होंने आगे बताया कि तत्कालीन कप्तान रोहित शर्मा और गौतम गंभीर दोनों ने उन्हें इस फैसले पर दोबारा विचार करने की सलाह दी थी। हालांकि, अश्विन ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस विषय पर चयन समिति अध्यक्ष अजीत आगरकर से कोई विशेष चर्चा नहीं की थी।
