
मुंबई। समकालीन हिन्दी कविता के शीर्षस्थ कवि अरुण कमल को ‘परिवार पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह भव्य समारोह शनिवार, 11 अक्तूबर 2025 को चर्चगेट स्थित इंडियन मर्चेंट्स चेंबर में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर अरुण कमल ने बड़ी सहजता और आत्मीयता से अपने विचार रखे तथा ‘धार’, ‘अमर फल’, ‘संबंध’, ‘एक विजेता का शोकगीत’, ‘एक ललित निबंध’ और ‘बुढ़ापा’ जैसी चर्चित कविताओं का पाठ किया। उनकी हर कविता पर श्रोताओं ने जोरदार तालियों से अपनी प्रशंसा व्यक्त की। पूरे समारोह का वातावरण जीवंत और भावनात्मक बना रहा।
कार्यक्रम में मुंबई के प्रतिष्ठित रचनाकारों की उपस्थिति रही। वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ सचदेव, कवि अनूप सेठी, सुंदरचंद ठाकुर, बद्रीनारायण और हरि मृदुल ने अरुण कमल की कविताओं की विशिष्टता और उनके रचनात्मक योगदान पर अपने विचार रखे।

पुरस्कार स्वरूप उन्हें दो लाख रुपये की धनराशि भेंट की गई। समारोह का कुशल संचालन कवि देवमणि पांडेय ने किया।
समारोह का समापन कवि अरुण कमल की इन पंक्तियों की गूंज के साथ हुआ-
“अपना क्या है इस जीवन में, सब तो लिया उधार,
सारा लोहा उन लोगों का, अपनी केवल धार।”
