
● मुंबई
मानसून की विदाई के साथ ही मुंबई में दूसरे सी-लिंक के निर्माण कार्य को फिर से रफ्तार मिल गई है। बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक के काम में तेजी लाई गई है और समुद्र में आवश्यक उपकरण पहुंचाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। 17 किलोमीटर लंबा यह सी-लिंक गहरे समुद्र में बनाया जा रहा है। मानसून के दौरान सरकार ने समुद्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब बारिश थमते ही काम पूरी गति से फिर शुरू हो गया है।
हवामान विभाग ने कुछ दिन पहले मानसून की वापसी की आधिकारिक घोषणा की थी। इसके बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने सी-लिंक का निर्माण दोबारा आरंभ किया। चार महीने तक रुके रहने के बाद अब कामकाज पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रहा है।
इस परियोजना की नींव वर्ष 2018 में रखी गई थी, लेकिन इसे वास्तविक गति 2022 में मिली। तब तक केवल 2.5 प्रतिशत काम पूरा हुआ था, जबकि अब तक 35 प्रतिशत से अधिक निर्माण हो चुका है। बढ़ती गति के साथ सी-लिंक का आकार अब स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है।

शुरुआत में एक भारतीय कंपनी को यह कार्य सौंपा गया था, जिसे एक इतालवी कंपनी के सहयोग से इसे पूरा करना था। लेकिन तकनीकी कठिनाइयों के कारण भारतीय कंपनी को परियोजना से हटाना पड़ा। बाद में काम दूसरी कंपनी को सौंपा गया, जिसने अब इसे गति दे दी है। निर्माण में हुई देरी के चलते परियोजना की समय सीमा 2026 से बढ़ाकर 2028 कर दी गई है।
पूरा होने के बाद यह समुद्री मार्ग वरली और बांद्रा को जोड़ेगा। इससे वरली से वर्सोवा की यात्रा जो अभी घंटों लेती है, वह केवल 20 से 25 मिनट में पूरी हो सकेगी। वाहन चालकों की सुविधा के लिए इस सी-लिंक पर बांद्रा, कार्टर रोड, जुहू और वर्सोवा के पास चार कनेक्टर बनाए जा रहे हैं, जिनसे आसानी से प्रवेश और निकास संभव होगा।
