
● मुंबई। महाराष्ट्र में स्क्रब टाइफस के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में इस साल अब तक पांच लोगों की मौत दर्ज की जा चुकी है जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। कई जिलों में नए संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिला अधिकारियों को निगरानी और नियंत्रण के उपाय सख्त करने के निर्देश दिए हैं।
13 अक्तूबर को जारी निर्देशों में विभाग ने डिप्टी डायरेक्टर, सिविल सर्जन और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि वे न केवल रोग पर बल्कि उसके वाहक कीटों पर भी करीबी नजर रखें। सभी स्वास्थ्य टीमों को पांच दिन से अधिक बुखार वाले हर मरीज को संभावित स्क्रब टाइफस केस मानते हुए जांच और उपचार करने के लिए कहा गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार इस साल सितंबर 2025 तक राज्य में 132 संक्रमित और पांच मौतें दर्ज हुई हैं। 2024 में जहां 130 मामले और एक मौत हुई थी, वहीं 2023 में 196 मामले और एक मौत दर्ज की गई थी। इस वर्ष की पांच मौतों में दो यवतमाल से और एक-एक मौत छत्रपति संभाजीनगर, चंद्रपुर तथा नांदेड़ जिलों में हुई है।
क्या है स्क्रब टाइफस बीमारी?
स्क्रब टाइफस एक जीवाणुजनित बीमारी है, जो Orientia tsutsugamushi नामक बैक्टीरिया से होती है। यह बैक्टीरिया संक्रमित ‘चिगर माइट’ के काटने से फैलता है। इसके शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और कई बार त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह फेफड़ों, मस्तिष्क या गुर्दे को प्रभावित कर सकता है, जिससे बहु-अंग विफलता और मृत्यु तक हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में वाइल-फेलिक्स और ELISA टेस्ट जैसी जांच सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं फील्ड वर्करों को प्रभावित गांवों का सर्वे करने, किसानों और वन क्षेत्रों में काम करने वालों जैसे जोखिम समूहों की पहचान करने तथा जनजागरूकता अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राज्य सरकार का फोकस अब संक्रमण की जड़ तक पहुँचने और ग्रामीण इलाकों में बचाव को लेकर जागरूकता फैलाने पर है।
