■ जानिए क्या बोले विशेषज्ञ डॉक्टर

● नई दिल्ली।
विटामिन D हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों की कार्यक्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि यह धूप, आहार और सप्लीमेंट्स से प्राप्त किया जा सकता है, फिर भी इसकी कमी दुनियाभर में लगभग एक अरब लोगों को प्रभावित करती है। इस कमी से थकान, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी और गंभीर मामलों में बच्चों में रिकेट्स तथा वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल्स के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने हाल ही में सोशल मीडिया पर विटामिन D के बेहतर अवशोषण के लिए तीन सरल लेकिन प्रभावी सुझाव साझा किए।
उनका प्रमुख सुझाव है, विटामिन D कभी खाली पेट न लें। यह फैट-सॉल्यूबल विटामिन है यानी यह वसा के साथ ही शरीर में अच्छे से घुलता और अवशोषित होता है। खाली पेट सेवन करने पर इसका असर लगभग 50 प्रतिशत तक घट सकता है।
डॉ. कुमार का कहना है कि विटामिन D को अपने सबसे भारी भोजन के बाद लेना चाहिए, खासकर ऐसे आहार के साथ जिसमें वसा मौजूद हो, जैसे दूध, अंडे, मेवे या एवोकाडो। इससे इसका अवशोषण और प्रभाव दोनों बढ़ते हैं।
उन्होंने इसे “छोटा बदलाव, बड़ा असर” बताते हुए कहा कि उचित समय पर सही तरीके से विटामिन D लेने से हड्डियाँ मज़बूत, मांसपेशियाँ सशक्त और रोग प्रतिरोधक क्षमता संतुलित बनी रहती है।
संतुलित आहार और सीमित धूप के साथ यह सावधानी अपनाने से शरीर में विटामिन D का स्तर स्वाभाविक रूप से बेहतर होता है और संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
