
● धीरज मिश्र@मुंबई
मंगलवार, 4 नवंबर को कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी यानी वैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाएगी। सनातन परंपरा में यह तिथि अत्यंत पवित्र मानी गई है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु स्वयं काशी पधारे थे और देवाधिदेव महादेव की आराधना कर साधना की थी। इसीलिए इस पर्व को शिव-विष्णु एकता का प्रतीक दिवस कहा गया है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष वैकुंठ चतुर्दशी पर पूजा-अर्चना का शुभ मुहूर्त केवल 52 मिनट का रहेगा, किंतु इस अल्प अवधि में भी पूजा करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस बार चतुर्दशी पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे अनेक मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान शिव और श्रीहरि विष्णु की उपासना करने से लक्ष्मी-नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
● वैकुंठ चतुर्दशी के प्रमुख योग व मुहूर्त:
- रवि योग – प्रातः 6:08 से दोपहर 12:34 तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग – दोपहर 12:34 से आरंभ
- अमृत सिद्धि योग – दोपहर 12:34 से प्रारंभ
- अभिजीत मुहूर्त – दिन में 11:24 से 12:09 तक
इन पावन योगों में स्नान, दीपदान, तुलसी पूजा और भगवान शिव-विष्णु का संयुक्त पूजन करने से अक्षय पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
