● रिमझिम फुहारों के बीच कलश यात्रा में उमड़ी भारी भीड़
● 8 नवंबर तक होगी कथा

■ मुंबई।
पूज्य कथावाचक श्रद्धेय शांतिदूत श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज के मुखारविंद से भागवत कथा का रविवार को भाईंदर में भव्य शुभारंभ हुआ। भाईंदर-पूर्व के नवघर रोड स्थित हनुमान मंदिर में महाराजश्री ने विधिवत पूजन किया। वहीं से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं, माताएं और बहनें कलश लेकर शामिल हुईं।
बारिश की फुहारों से बेफिक्र श्रद्धालुओं का यह कारवां देखकर महाराजश्री ने भी अपनी छतरी हटवा दी और उमंग के साथ श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन किया। वे स्वयं भीगते हुए वाहन-रथ से उतरकर जुलूस में शामिल हुए और पैदल यात्रा पूरी की। इस दौरान बैंड-बाजों, ढोल-नगाड़ों की धुनों और भक्ति गीतों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए।
यह विशाल कलश यात्रा ‘राधे-राधे’ और ‘जय श्रीकृष्ण’ के नारों के साथ भायंदर के इंद्रलोक परिसर स्थित बालासाहेब ठाकरे मैदान में बने विशाल कथा-पंडाल तक पहुंची। महाराजश्री के सान्निध्य में भागवत महापुराण की विधिवत प्रतिष्ठा की गई।

सांयकालीन सत्र में महाराजश्री ने भागवत के श्लोकों के साथ कथा का शुभारंभ किया। पहले ही दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे। इस अवसर पर विधायक नरेंद्र मेहता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
ठाकुर महाराज ने कहा कि देवउठनी एकादशी के दिन कलश यात्रा और भागवत कथा में शामिल होना अत्यंत पुण्य का कार्य है। उन्होंने बताया कि पावन कार्तिक मास के आगामी पांच दिन भी अत्यंत पुण्यकारी होते हैं, अतः इस अवधि में धार्मिक उपक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
महाराजश्री के निजी प्रबंधक एवं विश्व शांति मिशन के सचिव विजय शर्मा ने बताया कि वृंदावन स्थित प्रियाकांतजू मंदिर और आश्रम के निर्माण के बाद महाराजश्री अब गौशाला और गुरुकुलम् की स्थापना के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। श्रद्धालुओं के सहयोग से यह प्रकल्प शीघ्र ही पूर्ण होगा।
शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि सनातन संस्कृति की रक्षा, युवाओं को संस्कारवान बनाने तथा उन्हें धर्म से जोड़कर भारत को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने और विश्व में शांति का संदेश फैलाने के लिए देवकीनंदन ठाकुर महाराज विख्यात हैं। वे शास्त्र-आधारित सात्विक जीवनशैली और परमार्थ की सतत प्रेरणा देते हैं।
महाराजश्री की भागवत कथा यहां 8 नवंबर तक चलेगी।
