■ भारत की बेटियों ने रच डाला इतिहास
■ पहली बार महिला वनडे विश्व कप भारत के नाम

● नवी मुंबई।
देवउठनी एकादशी पर जहां सारा भारत भगवान नारायण की स्तुति में मग्न था, वहीं भारत की बेटियों ने इतिहास रचते हुए पहली बार महिला वनडे विश्व कप भारत के नाम कर लिया। यह जीत मानो भगवान नारायण के चरणों में भारत की बेटियों की ओर से विजय का दीपक रही। नवी मुंबई के डॉक्टर डी. वाई. पाटिल स्टेडियम में खेले गए आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर विश्व चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।

पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट खोकर 298 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 82 रनों की उम्दा कप्तानी पारी खेली, जबकि स्मृति मंधाना ने 74 रन बनाकर मजबूत नींव रखी। अंत में ऋचा घोष के तूफानी 47 रन ने पारी को धार दी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम 46.3 ओवर में 246 रन पर ढेर हो गई। अफ्रीकी कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने शतक (101 रन) जड़ा, लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिला। भारत की दीप्ति शर्मा ने घातक गेंदबाजी करते हुए चार विकेट झटके और मैच का रुख पलट दिया।

यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई है, क्योंकि 52 साल के वनडे विश्व कप इतिहास में भारत ने पहली बार यह खिताब अपने नाम किया है। गौरतलब है कि पहला महिला वनडे विश्व कप 1973 में इंग्लैंड में खेला गया था, लेकिन तब से अब तक भारत को इस ट्रॉफी का इंतजार था।

टीम की जीत के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री से लेकर पूर्व खिलाड़ियों तक ने भारतीय खिलाड़ियों को बधाई दी है। यह सफलता भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली मानी जा रही है।
