■ लोग अपने घर के मुख्य दरवाजे के हैंडल पर क्यों लगा रहे हैं फॉयल?

● न्यूयॉर्क ।
कल्पना कीजिए, घर की सुरक्षा का एक ऐसा उपाय जो जितना आसान है, उतना ही अनोखा। अमेरिका के कई इलाकों में इन दिनों लोग अपने घरों के दरवाजे के हैंडल पर एल्युमिनियम फॉयल लपेट रहे हैं। सुनने में यह कोई रसोई की अजीब तरकीब लग सकती है, लेकिन यह कम खर्चीला और चतुर उपाय अब चोरों के लिए एक अप्रत्याशित रोक बनता जा रहा है। क्या एक साधारण फॉयल की रोल अब आपके मुख्य द्वार की ‘मौन रखवाली’ कर सकती है?
रसोई में बचा हुआ खाना ढकने या ट्रे को लाइन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यही एल्युमिनियम फॉयल अब एक नई भूमिका निभा रही है। जब इसे दरवाजे के हैंडल पर कसकर लपेट दिया जाता है तो यह दृश्य और स्पर्श दोनों तरह की बाधा पैदा करती है। यह चमकीली और असामान्य सतह किसी संभावित घुसपैठिए का ध्यान खींचती है और उसके मन में संदेह पैदा करती है, शायद यह घर आम घरों से अधिक सुरक्षित है।
इस उपाय का मूल सिद्धांत है धारणा की शक्ति। अपराधी हमेशा ऐसे घरों की तलाश में रहते हैं जहाँ कम जोखिम हो और आसान प्रवेश मिले। एक चमकदार, अजीब सा हैंडल उनके दिमाग में मानसिक चेतावनी जगाता है कि शायद यहाँ अलार्म सिस्टम या कोई और सुरक्षा उपाय मौजूद है।
असल में यह पूरी तरकीब मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर आधारित है। अपराधशास्त्र के अध्ययन बताते हैं कि चोर सबसे पहले ‘जोखिम’ को परखते हैं। वे उन घरों को प्राथमिकता देते हैं जिनमें प्रवेश सरल दिखता है। ऐसे में दरवाजे पर लिपटी फॉयल, भले ही कोई वास्तविक ताला न हो, लेकिन वह घुसपैठिए की योजना को बिगाड़ने के लिए काफी हो सकती है।
इस अप्रत्याशित युक्ति से घर के मालिक बिना किसी महंगे उपकरण या प्रोफेशनल इंस्टॉलेशन के, एक मानसिक सुरक्षा दीवार तैयार कर लेते हैं। यह न सिर्फ चोरों को हतोत्साहित करती है बल्कि घर की सुरक्षा में एक नया, सस्ता और प्रभावी अध्याय जोड़ती है।
