
● मिर्जामुराद।
गौर गांव-मिर्जामुराद स्थित वंशनारायण सिंह महिला महाविद्यालय में दिवंगत सौरभ सिंह की जयंती पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथा वाचक पंडित परम पूज्य आनंद मिश्रा ‘पाराशर’ जी ने ध्रुव चरित्र प्रसंग के माध्यम से बताया कि भजन की कोई उम्र नहीं होती। ध्रुव जी ने केवल पाँच वर्ष की आयु में ही भगवत प्राप्ति कर ली थी।
उन्होंने समुद्र मंथन प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि “बाबा विश्वनाथ ने मान सहित विषपान कर ‘शम्भू’ रूप धारण किया और अपमान के साथ अमृत पान करने वाले राहु का शीश भगवान विष्णु ने छिन्न कर दिया।”
इसके बाद प्रह्लाद चरित्र की कथा के माध्यम से उन्होंने बताया कि इस ब्रह्मांड में सर्वशक्तिमान केवल परमात्मा हैं। हिरण्यकशिपु स्वयं को ब्रह्मा जी के वरदान के कारण सर्वशक्तिमान समझने लगा था, परंतु भगवान ने ब्रह्मा जी के प्रत्येक वरदान को सत्य रखते हुए उस अत्याचारी का संहार किया।
कथा श्रवण के लिए भक्तों की भारी भीड़ उपस्थित रही। कथा दोपहर दो बजे प्रारंभ होकर शाम छह बजे संपन्न हुई।
इस अवसर पर भाजपा एमएलसी धर्मेन्द्र राय, सुरेश सिंह गौतम, वीरेश सिंह गौतम, संजीव सिंह गौतम, साधना सिंह, योगेश सिंह, डॉ. आशुतोष उपाध्याय, संजय मिश्रा, अभिषेक त्रिपाठी ‘सुमित’, सौम्या सिंह, शालू सिंह सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
