
चित्र साभार: डीडी न्यूज
बेंगलुरू।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने तारों की दुनिया में एक अनोखी खोज की है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि शोधकर्ताओं ने एक अत्यंत दुर्लभ ‘एक्सट्रीम हीलियम स्टार’ (EHe Star) की पहचान की है, जिसमें हैरान कर देने वाली मात्रा में जर्मेनियम (Germanium) तत्व पाया गया है, ऐसा तत्व जो अब तक इस तरह के तारों में कभी नहीं देखा गया था।
25800 प्रकाश वर्ष दूर, ओफ़िचस तारामंडल में स्थित A980 नामक इस तारे ने खगोलशास्त्रियों को चौंका दिया है। पहले इसे हाइड्रोजन-कमी वाला कार्बन तारा माना जा रहा था, लेकिन विस्तृत अध्ययन में सामने आया कि यह तारा एक्सट्रीम हीलियम वर्ग का है और इसकी रचना बेहद असामान्य है।
शोध के सह-लेखक डॉ. गजेंद्र पांडे ने कहा, ‘यह खोज तारकीय रसायन विज्ञान की सीमाओं को नया विस्तार देती है। साथ ही यह दर्शाती है कि उच्च-रिजोल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपी जैसे तकनीकी उपकरण कैसे तारों के भीतर छिपे रहस्यों को सामने ला सकते हैं।’
यह शोध प्रतिष्ठित ‘एस्ट्रोफिजिकल जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है और IIA के लिए एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि मानी जा रही है। इस खोज से न सिर्फ एक तारे के बारे में नई जानकारी मिली है, बल्कि यह तारकीय विकास और रासायनिक संरचना को समझने के लिए एक नया अध्याय भी खोलती है।