
■ नई दिल्ली।
हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित और ऐतिहासिक जीत से उत्साहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष पर तीखे प्रहार किए। व्यक्तिगत टिप्पणियों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाली कांग्रेस इस बार उनके मुख्य निशाने पर रही।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर देशविरोधी एजेंडा आगे बढ़ाने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि उसकी राजनीति अब पूरी तरह नकारात्मकता पर टिकी है। उनके अनुसार कांग्रेस के पास देश के लिए कोई स्पष्ट, सकारात्मक दृष्टि शेष नहीं बची है। इसी सिलसिले में उन्होंने यह भी कहा कि आज कांग्रेस मुस्लिम लीगी माओवादी कांग्रेस के रूप में सिमट गई है और यही उसका नया एजेंडा बन गया है, जिससे पार्टी के भीतर असहजता बढ रही है।
बिना नाम लिए उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष वार किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस रास्ते पर कांग्रेस को चलाया जा रहा है, उससे असंतोष और नाराजगी पार्टी के भीतर गहराती जा रही है। भविष्य में कांग्रेस के एक और विभाजन की संभावना भी जताई।

भाजपा मुख्यालय में ‘धन्यवाद बिहार’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने छठी मैया की जयध्वनि से भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि बिहार ने इस चुनाव में सचमुच गर्दा उडा दिया है। मंच पर मफलर लहराकर उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साह और बढाया। इस विजय के लिए उन्होंने नीतीश कुमार सहित सभी सहयोगी दलों का आभार व्यक्त किया और जननायक जयप्रकाश नारायण तथा भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को नमन किया। इसके बाद उन्होंने विपक्ष पर अपनी आलोचना और तीखी कर दी।
उन्होंने कहा कि जैसे लोहा लोहे को काटता है, वैसे ही बिहार ने पुराने सांप्रदायिक एमवाई फार्मूले को नए, सकारात्मक एमवाई महिला और युथ के दम पर तोड़ दिया है। बिहार देश के उन राज्यों में है जहाँ युवाओं की संख्या सर्वाधिक है और इन युवाओं की आकांक्षाओं ने जंगलराज वाली राजनीति को निर्णायक रूप से खारिज किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार वह भूमि है जिसे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की जननी होने का गौरव प्राप्त है। आज इसी धरती ने लोकतंत्र पर आघात करने वाली शक्तियों को साफ संदेश दे दिया है। बिहार ने दिखाया है कि झूठ पराजित होता है और जनविश्वास जीतता है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार ने पूरी स्पष्टता के साथ कह दिया है, जमानत पर चल रहे लोगों को जनता कभी साथ नहीं देगी। भारत अब सच्चे सामाजिक न्याय के लिए मतदान कर रहा है, जहाँ तुष्टिकरण की कोई गुंजाइश नहीं रही। आज तुष्टिकरण की जगह संतुष्टिकरण ने ले ली है।
