■ PM मोदी ने किया ध्वजारोहण, मोहन भागवत बोले-करोड़ों की आस्था हुई साकार

● अयोध्या
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिन बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर धर्मध्वज का विधिवत आरोहण किया। लगभग दो किलो वजनी केसरिया ध्वजा के आकाश में लहराते ही पूरा परिसर भाव-विभोर हो उठा। प्रधानमंत्री मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, संत समाज और हजारों भक्तों की आंखें श्रद्धा से भर आईं। यह क्षण मानो सदियों की प्रतीक्षा का पूर्ण विराम बन गया।
- राम मंदिर का शिखर पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित है, जबकि 800 मीटर का परकोटा दक्षिण भारतीय शैली में जो मंदिर की स्थापत्य विविधता को दर्शाता है। 25 नवंबर का यह क्षण अब 9 नवंबर 2019, 5 अगस्त 2020 और 22 जनवरी 2024 की ऐतिहासिक तिथियों की पंक्ति में शामिल हो गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सदियों पुराने घाव भर रहे हैं और पूरी दुनिया राममय हो गई है। उन्होंने राम को विनम्रता में महाबल का प्रतीक बताते हुए कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़ना होगा और गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त होना होगा। पीएम ने राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले कारीगरों, वास्तुकारों और श्रमिकों को प्रणाम किया तथा रामायण के महत्त्वपूर्ण पात्रों के माध्यम से समरसता और सेवा की भावना का संदेश दिया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भावुक होकर कहा कि पांच सौ वर्षों के संघर्ष की परिणति आज सामने है। उनके अनुसार यह ध्वज केवल मंदिर की पूर्णता का नहीं, सनातन की विजय का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे पीढ़ियों की आस्था की सिद्धि बताते हुए कहा कि राम मंदिर भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। ध्वजारोहण से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने माता अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा-अर्चना की।
