
राजसमंद।
राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में स्थित नाथद्वारा, राजसमंद जिले का एक छोटा-सा शहर है लेकिन इसकी धार्मिक महत्ता अत्यंत गहरी है। यह शहर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप श्रीनाथजी के प्रसिद्ध मंदिर के लिए देशभर में जाना जाता है। श्रद्धालु यहां दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं, और मान्यता है कि श्रीनाथजी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर एक भव्य हवेली में स्थित है, जिसे मेवाड़ के महाराणा राज सिंह ने बनवाया था। यह हवेली वास्तुकला और वैभव का प्रतीक है। मंदिर में प्रतिदिन आठ बार विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जो भक्तों के लिए बड़ा आकर्षण है।
इस मंदिर का इतिहास मुगल बादशाह औरंगजेब के काल से जुड़ा है। जब औरंगजेब ने देशभर के कई हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया, तब मथुरा से श्रीकृष्ण की बालरूप प्रतिमा को सुरक्षित रूप से मेवाड़ लाया गया। वैष्णव संप्रदाय के अनुयायियों ने इस मूर्ति को लेकर यहां विराजित किया। ऐसा माना जाता है कि मूर्ति जिस स्थान पर ले जाते समय बैलगाड़ी स्वयं रुक गई, वहीं श्रीनाथजी के लिए यह हवेली बनाई गई।