■ मुंबई के बेघर समुदायों द्वारा कैद की गई कहानियाँ प्रदर्शित होंगी

● मुंबई
पहचान संस्था ने अपने बहुप्रतीक्षित MyMumbai 2026 Calendar Project की घोषणा की है। यह समुदाय-नेतृत्व वाला दृश्य कहानी कहने का अनोखा प्रयास है, जो मुंबई के हाशिए पर रहने वाले लोगों की नज़र से शहर की अनदेखी कहानियाँ सामने लाता है। बेघर फोटोग्राफरों ने अपनी रचनात्मकता और दृढ़ संकल्प के साथ ऐसे रोजमर्रा के क्षण कैद किए हैं, जिन्हें अक्सर हम सब अनदेखा कर देते हैं।
इस वर्ष, 34 बेघर फोटोग्राफरों ने 945 से अधिक तस्वीरें खींचीं, जिसने दृढ़ता, गरिमा और समुदायों की वास्तविक जीवन स्थितियों को दर्शाने वाला एक असाधारण संग्रह तैयार किया।
फोटोवॉइस पद्धति पर आधारित यह प्रोजेक्ट एक ऐसी मुंबई प्रस्तुत करता है जो संवेदनशील, अंतरंग और बेहद सशक्त है। यह केवल तस्वीरों का संकलन नहीं बल्कि संघर्ष, गरिमा और उन भूले-बिसरे स्थानों में छिपी शक्ति से निर्मित एक सामूहिक कथा है।
बीते दिन, मुंबई के निदेशालय नगर प्रशासन कार्यालय में प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल ने इस विशाल संग्रह से अंतिम चालीस तस्वीरों का चयन किया। निर्णायकों ने अपनी विशेषज्ञता और संवेदनशीलता के साथ अत्यंत पारदर्शी और ईमानदार ढंग से चयन प्रक्रिया संपन्न की। जनमत मतदान भी आयोजित किया गया, ताकि समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो सके और उन तस्वीरों को सम्मान मिले जो दर्शकों के बीच व्यापक रूप से गूंजीं।
उज्वल उके (पूर्व IAS अधिकारी और अध्यक्ष, राज्य स्तरीय शेल्टर मॉनिटरिंग कमेटी-महाराष्ट्र) ने कहा कि ये तस्वीरें केवल दस्तावेज नहीं हैं। ये साहस और मानवीय संवेदनाओं की झलक देती हैं तथा हमें शहर की जमीनी सच्चाइयों से रूबरू करवाती हैं।
अनिल गलगली (वरिष्ठ पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता) ने कहा कि इन फ़्रेमों में दिखाई देने वाली कहानियाँ हमें उस मुंबई का एहसास कराती हैं जिसे अधिकतर लोग देख नहीं पाते। यह प्रोजेक्ट उन लोगों को आवाज़ देता है जिनके अनुभव सम्मान के योग्य हैं।
बृजेश आर्या (संस्थापक, पहचान) ने कहा कि यह प्रोजेक्ट समुदाय-नेतृत्व वाली रचनात्मकता में हमारे विश्वास को और मजबूत करता है। सही साधन और मंच मिलने पर हर व्यक्ति समाज की कहानी और सोच बदलने में सक्षम है।
प्रशांत नकवे (प्रोफ़ेशनल फ़ोटोग्राफ़र और मीडिया विशेषज्ञ) ने कहा कि इन तस्वीरों में जो सच्चाई और निष्पक्ष अभिव्यक्ति है, वह अत्यंत प्रभावशाली है। इन फोटोग्राफरों ने मुंबई को जिस ईमानदारी से कैद किया है, वह पेशेवरों के लिए भी प्रेरणादायक है।
प्रशाना खरे (फ़ूजीफ़िल्म इंडिया) ने कहा कि MyMumbai प्रोजेक्ट दिखाता है कि किस तरह कहानी कहने की प्रक्रिया समुदायों को सशक्त बना सकती है। इन फोटोग्राफरों ने जो भावनात्मक गहराई और प्रामाणिकता लाई है, वह वाकई अद्भुत है।
इस अवसर पर सुभाष रोकड़े, सार्थक बनर्जीपुरी, निशिका शाह, अश्विका कोच्चर, हार्दिक आर्या, गुरसिस सिंह, भवराज, नमित तलरेजा, दिव्या, दिनेश कवीना, देवांश और तनमय शुक्ला उपस्थित थे।
MyMumbai 2026 Calendar मानवता का उत्सव है और समुदाय की कहानी कहने की परिवर्तनकारी शक्ति का सशक्त प्रमाण भी। यह पूरे शहर को आमंत्रित करता है कि एक पल ठहरकर देखें, महसूस करें और उस खूबसूरती को पहचानें जो अक्सर हमारी नजरों से ओझल रह जाती है।
