■ मध्यान्ह भोजन में सख्ती और टीईटी पर संवेदनशील रुख

● मुंबई।
झोपड़पट्टी क्षेत्रों से आर्थिक रूप से वंचित नागरिकों के पुनर्वसन के चलते रात्रि शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या घटने के बावजूद इन शालाओं का अस्तित्व बना रहे और शिक्षकों के हित प्रभावित न हों, इसके लिए राज्य सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025–26 से रात्र शालाओं की अधिकतम आयु-सीमा समाप्त कर दी है। यह जानकारी राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने विधानपरिषद के प्रश्नोत्तर काल में दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई शिक्षक अतिरिक्त पाया जाता है तो उसे दिनकालीन शालाओं में समायोजित किया जाएगा, ताकि रात्रि शालाओं की सेवाएं निरंतर चलती रहें।
इसी दौरान मुंबई महानगरपालिका के अधीन शालाओं में संचालित मध्यान्ह भोजन योजना की टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं उजागर होने का मुद्दा भी सामने आया। राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने बताया कि फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाली चार संस्थाओं के साथ-साथ प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच में यह सामने आया है कि चार संस्थाओं ने स्वयं को पात्र दर्शाने के लिए झूठे कागजात जमा किए थे, जिसके बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल अन्य पात्र संस्थाओं को यह कार्य सौंपा गया है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर उठे सवालों पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए डॉ. भोयर ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के साथ मजबूती से खड़ी है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के संदर्भ में अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली की जानकारी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि विधि एवं न्याय विभाग की राय के अनुसार सरकार आवश्यक कदम उठा रही है और इस विषय में व्यावहारिक समाधान निकालने के लिए शासन संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ रहा है।
