
● रवीन्द्र मिश्रा@मिर्जापुर
मिर्जापुर स्टेशन के पास स्थित शिवपुरी कॉलोनी के देव निवास में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित डॉ. ब्रह्मानंद शुक्ला ने 18 अवतारों की कथा का विस्तार से वर्णन किया। कथा में भक्त प्रह्लाद, समुद्र मंथन, गजेंद्र मोक्ष, राजा अंबरीष, अयोध्या के राजा श्रीराम से लेकर श्रीकृष्ण जन्म तक कुल 18 अवतारों की लीला का वर्णन किया गया।
श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध के पूर्वार्ध के तीसरे अध्याय के श्लोक “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥” का भावार्थ बताते हुए डॉ. शुक्ला ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म का पतन होता है और अधर्म बढ़ जाता है, तब-तब भगवान विभिन्न अवतारों में जन्म लेते हैं।
इसी प्रसंग में रामचरितमानस की चौपाई- “जब-जब होइ धर्म की हानि। बाढ़हिं असुर महा अभिमानी॥ तब-तब प्रभु धरि मनुज शरीरा। हरहिं कृपा निधि सज्जन पीरा॥” के माध्यम से भक्तों को अवतार का मर्म समझाया। कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्म की भव्य झांकी भी निकाली गई, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
इस अवसर पर पंडित देवी प्रसाद पांडेय, श्री राधाकांत द्विवेदी (चीफ इंजीनियर, जल निगम, वाराणसी), कमलाशंकर दूबे (पूर्व प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक), डॉ. आनंद दूबे (पूर्व जिला चिकित्सा अधिकारी, सोनभद्र), संजय मिश्रा (प्रधानाचार्य), राघवेन्द्र कुंवर शुक्ला (प्रधानाचार्य), संजय उपाध्याय (बार काउंसिल अध्यक्ष, मिर्जापुर), प्रिंसिपल लालब्रत सिंह, समाजसेवी कैलाश नाथ तिवारी, एडवोकेट सुरेंद्र दुबे (मेडिएशन सदस्य, मिर्जापुर सिविल कोर्ट) सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
