■ पद्मभूषण डॉ. जे. बी. जोशी ने किया मार्गदर्शन

● मुंबई।
देश के उत्तर भारत, विशेषकर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण से लोग परेशान हैं। इस गंभीर समस्या का समाधान बताते हुए प्रसिद्ध वैज्ञानिक और रासायनिक विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. जे. बी. जोशी ने पराली से ऊर्जा उत्पादन पर जोर दिया। वे प्रोग्रेसिव चेंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
डॉ. जोशी ने कहा कि देशभर में हर वर्ष लगभग 600 मिलियन टन पराली उत्पन्न होती है। यदि इसे आधुनिक तकनीक के माध्यम से कोयला और गैस में परिवर्तित कर दिया जाए तो कोयला और तेल के आयात में भारी कमी लाई जा सकती है। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि किसानों की आय में प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक की वृद्धि संभव है।

ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर मुंबई में आयोजित ‘विकसित भारत 2047’ विषयक सम्मेलन में डॉ. जोशी ने कहा कि अब शिकायतों का नहीं बल्कि समाधानों का समय है। देश के विकास के लिए ऊर्जा की सबसे अधिक आवश्यकता है और पारंपरिक कोयले के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कोकण के सिंधुदुर्ग में काजू के कचरे से ऊर्जा उत्पादन पर चल रहे अपने प्रोजेक्ट की जानकारी भी दी। डॉ. जोशी ने कहा कि स्वदेशी तकनीक के बल पर ही देश आगे बढ़ सकता है।
सौमया विश्वविद्यालय के प्रमुख प्रो. अजय कपूर ने कहा कि तकनीक में निवेश के साथ-साथ दैनिक जीवन को भी सरल बनाना होगा, तभी देश को विकसित कहा जा सकेगा। उन्होंने नए ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण पर भी समान रूप से ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस विचार-विमर्श का संचालन डॉ. ए. के. नायक ने किया। उन्होंने कहा कि यदि भारत को वास्तव में विकसित राष्ट्र बनना है, तो वर्तमान की तुलना में चालीस गुना अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी और यह ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल भी होनी चाहिए।

इस मौके पर “Food Security by Radiation – The Unreasoned Fear for Irradiated Food” (रेडिएशन द्वारा खाद्य सुरक्षा) पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक डॉ. अरुण के. नायक, डॉ. सतेंद्र गौतम, डॉ. रविंद्र बंसल और डॉ. सम्यक मुनोत द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई है, जिसका उद्देश्य विकिरण से खाद्य सुरक्षा को लेकर फैले भय को दूर करना है।
कार्यक्रम की शुरुआत पद्मभूषण प्रो. जे. बी. जोशी, डॉ. सुदीप गुप्ता, प्रो. अजय कपूर, रंजय शरण, उमेश रुस्तगी, डॉ. ए. के. नायक, पीसीसी के चेयरमैन राम शुक्ला और सचिव शैलेश तिवारी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। नेहरू साइंस सेंटर के निदेशक उमेश रुस्तगी ने कहा कि यह कॉन्क्लेव विज्ञान, उद्योग और समाज को जोड़ने वाला मंच है, जो ऊर्जा संरक्षण को जनआंदोलन की दिशा में आगे बढ़ाता है।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए अचीवर्स अवॉर्ड्स भी प्रदान किए गए। परमाणु ऊर्जा उद्योग के लिए रंजय शरण, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता, शिक्षा क्षेत्र के लिए झुनझुनवाला समूह के चेयरमैन डॉ. राजेंद्र सिंह और मीडिया क्षेत्र के लिए संदीप सोनवलकर को प्रोग्रेसिव लीडरशिप अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। महिला सशक्तिकरण के लिए त्राप्ती सिंह को सम्मानित किया गया। इसके अलावा ऐश्वर्या यादव और आयुष्मान श्रीवास्तव को प्रोग्रेसिव अचीवर अवॉर्ड प्रदान किया गया। फिल्म और मनोरंजन क्षेत्र में कम उम्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए मास्टर आर्यमन अमृत को प्रोग्रेसिव यंग अचीवर अवॉर्ड दिया गया। साथ ही अमृतेश श्रीवास्तव और पूर्व मरीन कमांडो कुंदन सिंह मजगाईं का विशेष अतिथि के रूप में सम्मान किया गया।
