● सनातन संस्था ने 77 स्थानों पर मनाया गुरुपूर्णिमा महोत्सव

मुंबई।
धर्म, राष्ट्र और न्याय की रक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति का स्वयं को समर्पित करना ही सच्चा गुरुपूजन है। प्राचीन काल से देखा गया है कि जब भी धर्म की रक्षा की बात आई है, अधर्मियों और अन्यायियों की संख्या और उनका शस्त्रबल अधिक रहा है; फिर भी अंतिम विजय सदैव धर्म की ही हुई है। इसका कारण यह है कि भगवान और गुरुतत्त्व का आशीर्वाद सदैव धर्म की रक्षा करने वालों पर होता है। गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धर्म की ओर से खड़े रहें, ऐसा आवाहन सनातन संस्था की श्रीमती धनश्री केळशीकर ने किया। वे ‘राष्ट्र और धर्म की रक्षा हेतु साधना और युद्धकालीन कर्तव्य’ इस विषय पर 10 जुलाई को कोपरखैरने में संपन्न हुए गुरुपूर्णिमा महोत्सव में मार्गदर्शन कर रही थीं।
इस अवसर पर मुंबई उच्च न्यायालय की अधिवक्ता सिद्धविद्या ने भी उपस्थित जनसमूह को मार्गदर्शन किया। सनातन संस्था द्वारा इस वर्ष गुरुपूर्णिमा महोत्सव दादर, कोपरखैरने, ठाणे, डोंबिवली, बदलापुर, पनवेल और उरण सहित देशभर के 77 स्थानों पर भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया।
दादर में संपन्न गुरुपूर्णिमा महोत्सव में लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज कुमार सिन्हा (सेवानिवृत्त) और पितांबरी उद्योग समूह के प्रबंध संचालक रविंद्र प्रभुदेसाई, ठाणे के महोत्सव में हिंदू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय सचिव अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर तथा पनवेल के महोत्सव में हिंदू जनजागृति समिति के सुनील कदम ने अपने विचार व्यक्त किए।

शिवकालीन शस्त्रों की प्रदर्शनी
दादर और ठाणे के गुरुपूर्णिमा महोत्सवों में शिवकालीन दुर्लभ शस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस ऐतिहासिक और प्रेरणादायक प्रदर्शनी का लाभ मुंबई के विभिन्न स्कूलों के छात्रोंसहित सैकड़ों हिंदू नागरिकों ने उठाया।
ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव
सनातन संस्था की ओर से मराठी, हिंदी, गुजराती, तमिल और मलयालम भाषाओं में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश के हजारों दर्शकों और श्रद्धालु हिंदुओं ने भाग लिया।
उक्त जानकारी सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने दी।