● भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल

नई दिल्ली।
देश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सुलभ बनाने की दिशा में ड्रोन तकनीक एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है। अब दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति की डिलीवरी ड्रोन के माध्यम से की जा रही है, जिससे विशेष रूप से दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों को समय पर जीवन रक्षक सहायता मिल रही है।
ड्रोन डिलीवरी की यह पहल न केवल तेजी से दवाएं पहुंचाने में मददगार है बल्कि यह पारंपरिक परिवहन की तुलना में अधिक सुरक्षित, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल भी है। इससे सड़क हादसों का जोखिम घटता है और स्वास्थ्य सेवा वितरण में दक्षता बढ़ती है।
भारत के विभिन्न राज्यों में ड्रोन डिलीवरी के सफल प्रयोग किए जा चुके हैं। भोपाल एम्स ने मध्य भारत में पहली बार ड्रोन से दवाएं और पैथोलॉजी नमूने भेजने का सफल परीक्षण किया है। ऋषिकेश स्थित एम्स ने उत्तराखंड की पहाड़ियों में ड्रोन के जरिए दवाओं की आपूर्ति शुरू की है।मेघालय में ड्रोन का उपयोग दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों तक जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। बेंगलुरु में स्काई एयर नामक कंपनी ने ड्रोन के माध्यम से दवाएं, किराना और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की डिलीवरी शुरू की है। पश्चिम बंगाल में स्काई एयर मोबिलिटी ने 104 किलोमीटर की दूरी तय कर एक ई-कॉमर्स कंपनी की दवाएं पहुंचाईं, जो देश में अब तक की सबसे लंबी ड्रोन डिलीवरी मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक भारत जैसे विशाल और विविध भौगोलिक परिस्थितियों वाले देश में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को व्यापक और प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। आने वाले समय में ड्रोन डिलीवरी को और अधिक व्यापक रूप से लागू करने की योजना पर काम हो रहा है।