● चीनी वैज्ञानिकों ने पेश की नई उम्मीद

बीजिंग।
टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे करोड़ों मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की खबर चीन से सामने आई है। चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसे व्यक्ति पर सफलतापूर्वक ‘सेल थेरेपी’ (कोशिका उपचार) का प्रयोग किया है, जो वर्षों से डायबिटीज का मरीज था। इस थेरेपी के बाद मरीज को पूरे एक साल तक न तो इंसुलिन लेना पड़ा और न ही अन्य दवाओं की जरूरत पड़ी।
क्या है यह शोध?
यह चिकित्सा प्रयोग प्रतिष्ठित ‘Nature Biomedical Engineering’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें चीनी वैज्ञानिकों ने एक 59 वर्षीय व्यक्ति की रक्त कोशिकाओं को प्रयोगशाला में इंसुलिन उत्पादक अग्न्याशयी कोशिकाओं (pancreatic beta cells) में परिवर्तित किया। इसके बाद इन कोशिकाओं को वापस उसके शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। मरीज पिछले 25 वर्षों से टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित था। थेरपी के एक साल बाद तक उसका ब्लड शुगर स्तर सामान्य रहा। उसे इंसुलिन या कोई अन्य दवा नहीं लेनी पड़ी।
क्या इसे डायबिटीज का इलाज कहा जा सकता है?
नहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि यह शोध एक महत्वपूर्ण प्रगति जरूर है लेकिन इसे अभी पूर्ण इलाज (Cure) नहीं कहा जा सकता। यह अभी एक “single-patient trial” है, यानी केवल एक व्यक्ति पर यह प्रयोग किया गया है। इसे अधिक मरीजों, लंबे समय, और अलग-अलग परिस्थितियों में जांचना अभी बाकी है।
चीन में हुआ यह सफल प्रयोग अभी शुरुआत भर है लेकिन यह दुनिया भर के वैज्ञानिकों और मरीजों के लिए एक नई आशा की किरण जरूर है। लेकिन यह अभी वैज्ञानिक परीक्षण के प्रारंभिक चरण में है। किसी भी उपचार की तरह, यह भी केवल चिकित्सकीय परामर्श और अनुमोदन के बाद ही अपनाया जा सकेगा।