● उप मुख्यमंत्री शिंदे और सांसद वायकर के प्रयास सफल

मुंबई।
मुंबई के जोगेश्वरी गुफा क्षेत्र में वर्षों से अपने हक के घर के इंतजार में जी रहे जयंत चॉल और जमुना चॉल के सैकड़ों परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने इन रहिवासियों को विशेष प्रकरण के अंतर्गत पीएपी (प्रोजेक्ट अफेक्टेड पर्सन्स) का दर्जा देने का आदेश जारी किया है।
यह ऐतिहासिक निर्णय सांसद रविंद्र वायकर के सतत प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने बार-बार प्रशासन के सामने इन लोगों की पीड़ा को रखा। वायकर के निवेदन पर आयोजित विशेष बैठक में नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव आसीम गुप्ता, म्हाडा, बीएमसी, एसआरए, एमएमआरडीए और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
जोगेश्वरी की प्राचीन गुफाएं पुरातत्व महत्व की संपत्ति है। वर्ष 2004 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इन गुफाओं से 100 मीटर क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया, जिससे पुनर्वास कार्य ठप हो गया। इसके चलते जयंत चॉल की 14 और जमुना चॉल की 15 परिवारों को वर्षों से ना घर मिला, ना पानी-बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं।
अब न्याय और विकास दोनों साथ-साथ: शिंदे
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बैठक में स्पष्ट कहा, ‘गुफाओं के संरक्षण के साथ-साथ लोगों के हक को भी सुरक्षित रखना जरूरी है। इन परिवारों को विशेष प्रकरण के रूप में पीएपी का दर्जा दिया जाए और उनकी पुनर्वास प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो।’
बता दें कि इस फैसले से जहां पुरातन धरोहर की गरिमा बनी रहेगी, वहीं मानवता की जीत भी सुनिश्चित होगी। 18 वर्षों से संघर्ष कर रहे लोगों को अब अपना स्थायी ठिकाना मिलने की उम्मीद जगी है। यह कदम न सिर्फ जोगेश्वरीवासियों के लिए बल्कि मुंबई के लिए भी एक संतुलित विकास का प्रेरक उदाहरण बनकर उभरा है।