● खेत से थाली तक की यात्रा वेबसाइट पर भी

टोक्यो, जापान।
जापान में फल और सब्ज़ियों की पैकेजिंग अब केवल एक सुरक्षा कवच नहीं रही बल्कि यह उपभोक्ता और किसान के बीच विश्वास का माध्यम बन गई है। देशभर में खुदरा दुकानों पर बिकने वाली फल-सब्ज़ियों पर अब उस किसान की तस्वीर और विवरण अंकित किया जा रहा है जिसने उन्हें उगाया है। इस पहल का उद्देश्य है पारदर्शिता बढ़ाना, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को उनके भोजन के स्रोत से जोड़ना।
इस पहल के तहत किसान का नाम, खेती का स्थान, उपयोग की गई विधियाँ (जैसे जैविक खेती या जल संरक्षण के उपाय) और यहां तक कि खेत की तस्वीर भी शामिल की जाती है। जापानी उपभोक्ता इस जानकारी से न केवल संतुष्ट होते हैं बल्कि उन्हें यह जानकर गर्व होता है कि वे किसकी मेहनत का फल खा रहे हैं।
यह मॉडल ‘विज़ुअलाइजेशन लेबलिंग’ के नाम से लोकप्रिय हो रहा है। जापान की खुदरा श्रृंखला AEON ने इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है। उसने GGN (GlobalG.A.P. Number) लेबल के जरिए अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों से जोड़ दिया है। इससे उपभोक्ता वेबसाइट पर जाकर उस उत्पाद की पूरी यात्रा देख सकते हैं खेत से थाली तक।
जापान में किए गए एक अध्ययन के अनुसार जब किसी उत्पाद पर किसान का चेहरा और विवरण अंकित होता है तो उपभोक्ता का भरोसा बढ़ता है और उन्हें यह खरीदारी अधिक व्यक्तिगत लगती है। यह चलन विशेष रूप से जापान और दक्षिण कोरिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जहां परंपरागत रूप से उपभोक्ता स्थानीय उत्पादों से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं।
इस मॉडल से छोटे और मध्यम स्तर के किसानों को भी बड़ा लाभ मिल रहा है। उनकी पहचान बढ़ रही है और उपभोक्ताओं से सीधा जुड़ाव होने के कारण उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य भी प्राप्त हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पारदर्शिता आधारित मॉडल खाद्य क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है। भारत जैसे देशों में भी, जहां खेती एक प्रमुख आजीविका का स्रोत है, इस तरह की पहल अपनाई जा सकती है। इससे ‘फार्म टू फोर्क’ की संकल्पना को मजबूती मिलेगी और उपभोक्ता भी अधिक जागरूक बनेंगे।
(स्रोत: AEON Japan, GlobalG.A.P. Report, 2025)