नई दिल्ली।
1 अगस्त से गूगल पे, फोनपे जैसी ऐप्स पर आपकी रोज़ाना की UPI आदतों में कुछ छोटे लेकिन अहम बदलाव महसूस होंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया बैकएंड नियमों में कुछ संशोधन लागू कर रहा है, जिनका मकसद UPI ट्रांजैक्शन को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाना है।

मुख्य बदलाव संक्षेप में-
ऑटो-पे का नया समय:
ओटीटी सब्सक्रिप्शन, किराया, SIP जैसे ऑटो पेमेंट अब रात 12 बजे से सुबह 7 बजे के बीच ही प्रोसेस होंगे, ताकि सर्वर पर लोड कम रहे।
बैलेंस चेकिंग पर लिमिट:
अब दिन में कितनी बार बैलेंस चेक किया जा सकता है, इसकी एक सीमा तय होगी। खासतौर से फिंगरप्रिंट और फेस ID से होने वाली बार-बार की जांच को कंट्रोल किया जाएगा।
तेज ट्रांजैक्शन स्टेटस
अब ‘प्रोसेसिंग’ या ‘पेंडिंग’ जैसे स्टेटस में पैसे अटकने की संभावना कम होगी। सफल या असफल भुगतान की जानकारी कुछ ही सेकंड में मिल जाएगी।
बैंक लिंकिंग में सख्ती
नया बैंक खाता जोड़ने पर अधिक कड़ाई से सत्यापन किया जाएगा ताकि धोखाधड़ी की संभावना घटे।
ये सभी बदलाव तकनीकी हैं लेकिन उपयोगकर्ता के अनुभव को बेहतर और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। आप जैसे चाहें वैसे UPI का उपयोग जारी रख सकते हैं, बस अब यह और भी स्मार्ट तरीके से काम करेगा।