● सनातन सद्भावना संकल्प पदयात्रा 3 से 5 अगस्त तक

विनीत त्रिपाठी@वाराणसी
भारत भूमि की आत्मा सदैव धर्म, नीति, भक्ति, आदर्श, नैतिकता, सम्पन्नता, शांति और सौहार्द के प्रकाश से जगमगाई है। किन्तु आज इस पवित्र धरती पर धर्म और अधर्म के बीच एक भीषण संघर्ष छिड़ा हुआ है। एक ओर सनातन धर्म के शाश्वत मूल्य हैं, जो प्रेम, सेवा, न्याय और करुणा का संदेश देते हैं; दूसरी ओर अधर्म के अंधकारमय रूप हैं धर्मांतरण, लव जिहाद, सुख-शांति छीनने की साजिशें, अनैतिक आचरण, मानसिक उत्पीड़न, और समाज में अश्लीलता व नग्नता का प्रसार।
‘जाति-पाति के भ्रम को तोड़ो, सनातन एकता से नाता जोड़ो।’ इसी उद्घोष के साथ ‘सनातन सद्भावना संकल्प यात्रा’ का आयोजन 3, 4 एवं 5 अगस्त 2025 को लेते हनुमान जी प्रयागराज से बाबा विश्वनाथ की नगरी, वाराणसी तक पैदल यात्रा के रूप में संपन्न होगा। यह यात्रा केवल एक धार्मिक पदयात्रा नहीं बल्कि धर्म और अधर्म के बीच निर्णायक संघर्ष का उद्घोष है।
इससे पूर्व ब्रह्मराष्ट्र एकम् विश्व महासंघ न्यास द्वारा श्री राम पग यात्रा, सनातन धर्म यात्रा, नशा मुक्ति यात्रा तथा रोटरी यात्रा जैसी ऐतिहासिक यात्राएँ सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी हैं। यह नई यात्रा उन सभी प्रयासों का अगला चरण है, जो समाज में धर्म की प्रतिष्ठा और मानवता की रक्षा के लिए समर्पित हैं।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य
सनातन धर्म के आदर्शों – नीति, भक्ति, नैतिकता और शांति का पुनर्जागरण व बढ़ते अधर्म के अंधकार को उजागर करना और उसका सशक्त प्रतिकार करना। सनातन समाज को एकजुट कर दानवता के विरुद्ध संगठित संघर्ष का आह्वान करना। गौ माता की रक्षा और संवर्धन के लिए नई नीति बनाना तथा उन्हें “गौ राष्ट्र माता” का दर्जा दिलाने का भी संकल्प लिया गया है।
ब्रह्मराष्ट्र एकम् विश्व महासंघ न्यास के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा, ‘यह केवल धर्म की रक्षा का अभियान नहीं बल्कि मानवता की सुरक्षा का संकल्प है। यदि दानवता के विरुद्ध आज हम एकजुट न हुए तो कल हमारी संतानों का भविष्य अंधकारमय होगा। आइए हम सब मिलकर सनातन संस्कृति की ज्योति जलाएँ, अधर्म के आतंक का अंत करें और धर्मराष्ट्र से विश्वराष्ट्र की ओर बढ़ें।’
उक्त जानकारी ब्रह्मराष्ट्र एकम् विश्व महासंघ न्यास के कार्यालय अधीक्षक वैभव मिश्र ने दी।