● एक नेत्रहीन, एक को हाथ नहीं
● 10 हजार पेड़ लगाकर हरियाली का संदेश

हेबेई (चीन)।
दृढ़ इच्छाशक्ति और मित्रता अगर साथ हों तो असंभव भी संभव हो जाता है। यह साबित किया है चीन के दो दिव्यांग मित्रों, जिया हैशिया और जिया वेनकी ने। एक ने अपनी आंखें खो दीं तो दूसरे ने दोनों हाथ लेकिन दोनों ने मिलकर 2002 से अब तक 10 हजार से अधिक पेड़ लगाकर एक बंजर ज़मीन को हरे-भरे जंगल में बदल दिया।
जिया हैशिया जन्म से आंशिक रूप से दृष्टिहीन थे और बाद में एक दुर्घटना में पूरी तरह से अंधे हो गए। वहीं, जिया वेनकी बचपन में करंट लगने से अपने दोनों हाथ गंवा बैठे। बावजूद इसके, दोनों ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और अपने गांव के पास की उजाड़ भूमि को हरा-भरा बनाने की ठानी।
इनकी कार्यशैली भी अद्भुत रही। हैशिया पेड़ों के लिए स्थान पहचानते और खुदाई करते जबकि वेनकी अपने कंधों और पैरों की मदद से पानी और पौधे ढोते। एक-दूसरे की सीमाओं को ताकत में बदलते हुए, इन दोनों ने सहयोग, समर्पण और आत्मबल का अनूठा उदाहरण पेश किया।
इनकी यह कहानी अब केवल गांव तक सीमित नहीं रही। चीन और विश्व भर में इन्हें प्राकृतिक नायक के रूप में सराहा जा रहा है। यह मिसाल न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि जब संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
(स्रोत: CGTN, BBC, Huffington Post, China Daily)