● भीड़ प्रबंधन की चिंता बनी बाधा, बीसीसीआई और आईसीसी चिंतित

बेंगलुरु।
महिला वनडे वर्ल्ड कप के आगाज़ में अब दो महीने से भी कम समय शेष है लेकिन एक अहम मेजबान शहर बेंगलुरु को लेकर गंभीर अनिश्चितता बनी हुई है। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) को अब तक राज्य सरकार से टूर्नामेंट के मैचों की मेजबानी के लिए औपचारिक अनुमति नहीं मिली है। इस विलंब के कारण वर्ल्ड कप का उद्घाटन मैच और सेमीफाइनल सहित चार बड़े मुकाबले संकट में पड़ गए हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) दोनों ही इस स्थिति को लेकर गहरी चिंता में हैं। टूर्नामेंट का पहला मुकाबला 30 सितंबर को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में होना है, जहां भारत और सह-मेजबान श्रीलंका की भिड़ंत प्रस्तावित है।
भीड़ प्रबंधन की आशंका बनी रोड़ा
मंजूरी में देरी का मुख्य कारण 5 जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की विजय परेड के दौरान हुई भगदड़ है, जिसमें भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूक सामने आई थी। यह घटना अभी कानूनी जांच के घेरे में है, और तब से राज्य प्रशासन ने बड़े आयोजनों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इसी वजह से अब तक क्रिकेट मैचों के लिए अनुमति नहीं मिल पाई है।
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में कुल पांच मुकाबले खेले जाने प्रस्तावित हैं-
30 सितंबर: भारत बनाम श्रीलंका (उद्घाटन मैच)
3 अक्टूबर: इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका
26 अक्टूबर: भारत बनाम बांग्लादेश
30 अक्टूबर: दूसरा सेमीफाइनल
2 नवंबर: संभावित फाइनल (यदि पाकिस्तान क्वालीफाई नहीं करता)
यदि पाकिस्तान फाइनल में पहुंचता है, तो यह मुकाबला कोलंबो स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
बेंगलुरु जैसे क्रिकेट प्रेमी शहर के लिए यह स्थिति न केवल अफसोसजनक है बल्कि आयोजकों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। अब सभी की निगाहें राज्य सरकार के निर्णय पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि विश्व कप का रोमांचक आगाज बेंगलुरु की धरती पर होगा या नहीं।