● अमेरिका का भारी उपग्रह भारतीय रॉकेट से

चेन्नई।
कभी अमेरिका से मिले छोटे रॉकेट के सहारे अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत करने वाला भारत अब उसी देश के लिए 6,500 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। यह ऐतिहासिक कदम अगले कुछ महीनों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट से पूरा होगा।
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने रविवार को चेन्नई के पास कट्टनकुलथुर स्थित एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 21वें दीक्षांत समारोह में यह जानकारी दी। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्हें डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की।
नारायणन ने गर्व से कहा, ‘सोचिए, जिस देश ने कभी अमेरिका से छोटा रॉकेट प्राप्त किया था, वही आज अपने रॉकेट से अमेरिका निर्मित भारी-भरकम उपग्रह को लॉन्च करने जा रहा है। यह केवल प्रगति नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक छलांग है। पचास वर्ष पहले जिसके पास उपग्रह प्रौद्योगिकी भी नहीं थी, उस भारत ने अब तक 34 देशों के 433 उपग्रह अपने रॉकेटों से अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं।’
उन्होंने बताया कि नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) मिशन के बाद यह नया अभियान भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को नई ऊंचाई देगा। निसार को इसरो के जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट से जुलाई में प्रक्षेपित किया गया था।