
मियामी।
एक शेर है, ‘जब वह बेगुनाही की सज़ा काटकर कर घर लौटा तो सबसे पहले उसने अपने घर के पिंजरे में कैद परिंदों को आज़ाद किया।’ अपनी बेगुनाही को 34 साल तक बता पाने में असफल व्यक्ति को आखिरकार आज़ादी मिल गई। 1988 में हुई एक सशस्त्र डकैती के मामले में 34 साल तक गलत तरीके से जेल में रहने वाले अमेरिकी नागरिक सीडनी होम्स को फ्लोरिडा सरकार ने 1.7 मिलियन डॉलर (करीब ₹14 करोड़) का मुआवजा देने का फैसला किया है। यह निर्णय एक विशेष क्लेम्स बिल (SB 10) के तहत लिया गया, जिसे हाल ही में गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने मंजूरी दी। इसके साथ ही उन्हें 120 घंटे की कॉलेज या करियर सेंटर ट्यूशन फीस भी माफ की गई है।
मार्च 2023 में ब्रॉवर्ड काउंटी के कनविक्शन रीविव यूनिट और इनोसेंस प्रोजेक्ट ऑफ फ्लोरिडा की जांच के बाद होम्स की सजा रद्द की गई थी। जांच में सामने आया कि उनके खिलाफ गवाहों की पहचान में गंभीर त्रुटियां थीं और कोई भौतिक सबूत मौजूद नहीं था।
अब 59 वर्षीय होम्स ने कहा कि यह रकम उनके खोए हुए जीवन का पूरा मुआवजा नहीं हो सकती लेकिन वे इसे न्याय सुधार के लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। वे एक किताब लिखने और ऐसे लोगों की मदद के लिए एक फाउंडेशन शुरू करने का इरादा रखते हैं, जो गलत तरीके से दोषी ठहराए गए हैं।
स्रोत: Broward State Attorney’s Office, Florida Politics, Florida Bulldog, KESQ News