● बड़े पैमाने पर गोबर से मीथेन उत्पादन
● ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत

लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और हरित ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत पहली बार बड़े पैमाने पर गोबर से मीथेन (Compressed Biogas – CBG) का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उपयोग परिवहन ईंधन, घरेलू रसोई, छोटे उद्योगों और प्राकृतिक खेती में किया जा सकेगा।
राज्य में प्रतिदिन लगभग 54 लाख किलोग्राम गोबर एकत्र किया जाता है, जिसे अब CBG संयंत्रों में संसाधित किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार एक गाय के सालभर के गोबर से प्राप्त मीथेन की ऊर्जा लगभग 225 लीटर पेट्रोल के बराबर होती है। शुद्ध CBG में बदलने पर यह ईंधन एक कार को लगभग 5,500 किलोमीटर तक चला सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को ‘वेस्ट टू वेल्थ’ मॉडल का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित करेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी। इस पहल से पशु आश्रयों में रखे आवारा मवेशियों के गोबर का भी सदुपयोग हो सकेगा।
हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गोबर की बढ़ती मांग के कारण यदि पशुपालन बढ़ा तो अतिरिक्त मीथेन उत्सर्जन हो सकता है। साथ ही, गोबर संग्रहण, परिवहन और संयंत्र संचालन में ऊर्जा खपत को भी ध्यान में रखना होगा।
यह योजना, केंद्र सरकार की ‘SATAT’ (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) नीति के अनुरूप, उत्तर प्रदेश को हरित ऊर्जा उत्पादन के मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिला सकती है।
स्रोत: Times of India, UNI India, The Independent