- लेखक : श्री अशोक मुथा जैन
(एडीजी, गोरखपुर जोन, उत्तर प्रदेश पुलिस)
■ हिमांशु राज़

हमारा जीवन एक ऐसी गूढ़ नदी की तरह है, जो अनगिनत प्रवाहित धाराओं में बंधा हुआ है। यह नदी कभी स्थिर नहीं रहती, बल्कि अपनी लहरों के बीच अनेक उलझनों और चुनौतियों को समेटे बहती रहती है। हम इस जीवन के सफर में ऐसे कई बंधनों से बंधे होते हैं जो हमें मजबूत बनाते भी हैं और कई बार हमें डराते भी हैं कि कहीं ये टूट न जाएं। टूटने पर जो परिणाम पैदा होते हैं, वे हमारे मन और आत्मा पर गहरा असर छोड़ते हैं। ऐसे समय में हमारा मन सिहर उठता है, डगमगाने लगता है और भ्रम की स्थिति में कहीं खो सा जाता है।
पर यही जीवन अपने भीतर असंख्य रहस्यों और अनुभवों का सागर लिए हुए है, जिन्हें हम अक्सर केवल टुकड़ों में देखते हैं, बिना यह समझे कि वे सभी कहीं न कहीं जुड़ी हुई एक बड़ी पहेली के हिस्से हैं। यह पहेली कभी पूरी नहीं होती, बल्कि हर नए हल के साथ उसमें नए सवाल उत्पन्न होते रहते हैं। जीवन का यह चक्र चलता रहता है, निरंतर विकास और अन्वेषण की ओर बढ़ता रहता है।
अशोक मुथा जैन, जो गोरखपुर क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं, ने इन जीवन की गहरी अनुभूतियों को अपनी पुस्तक ‘द रिवर ऑफ थॉट-1’ में इस तरह पेश किया है कि वह न केवल व्यक्तिगत संघर्षों का प्रतिबिंब है, बल्कि व्यापक सामाजिक और प्रशासनिक अनुभवों का भी संकलन है। उनका यह ग्रंथ पढ़ने वाले को आत्मविश्लेषण, आत्मबल और सकारात्मक कर्मयोग की शिक्षा देता है।
उनके शब्दों में वह शक्ति, धैर्य और विवेक झलकता है जो कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए भी व्यक्ति को आगे बढ़ने का साहस देती है। यह पुस्तक केवल एक अधिकारी की कहानी नहीं बल्कि उस व्यक्ति की भी कहानी है जो अपने मन के अंधेरों और उजालों से जूझता है तथा हर बार एक नई आशा लेकर उठ खड़ा होता है।
‘द रिवर ऑफ थॉट-1’ जीवन की जटिलताओं को समझने और उन्हें आत्मसात करने का एक माध्यम है, जो पाठक को सोचने, समझने और जीवन के संघर्षों में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। यह ग्रंथ जिंदगी की अप्रत्याशित घटनाओं को समझने, उनके बीच सकारात्मक ऊर्जा और नेतृत्व को खोजने की दिशा में एक अनमोल उपहार है।
यह एक ऐसी यात्रा है जो हमें यह बताती है कि हर टूटन के बाद नई शुरुआत है, हर सवाल के पीछे एक जवाब है, और हर संघर्ष के बीच हमारे भीतर एक अदृश्य शक्ति छिपी होती है जो हमें आगे बढ़ने की शक्ति देती है। अशोक मुथा जैन की यह पुस्तक अंतर्मन की गहराई में झांकने और जीवन के नए अर्थ खोजने की प्रेरणा प्रदान करती है, जो आज के समय में न केवल आवश्यक है बल्कि अत्यंत महत्वपूर्ण भी है। ‘द रिवर ऑफ थॉट-1’ हमारे जीवन की उस जटिल और मनमोहक धारा की तरह है जो बहती रहती है, ना थमती है, और हर बहाव के साथ हमें नया ज्ञान और नई दिशा दिखाती है।