
मुंबई।
जोश, उमंग और रचनात्मकता से लबालब एक आत्मीय शाम में गांधी नगर, गुजरात से पधारी समकालीन कविता की प्रतिष्ठित कवयित्री प्रभा मुजुमदार के कविता पाठ ने माहौल को और समृद्ध बना दिया। उन्होंने अपने पांच काव्य संकलनों से चुनिंदा कविताओं का पाठ किया। देश और समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित प्रभा जी की कविताओं को भरपूर सराहना मिली। उनकी हर कविता पर श्रोताओं ने तालियां बजाकर हौसला अफ़ज़ाई की। प्रभा जी ने अपने आत्मकथ्य में लेखकीय सरोकारों पर बात करते हुए कहा कि शोषण की कई परतें होती हैं और इनका प्रतिरोध करना रचनाकार का दायित्व है। शुरुआत में डॉ मधुबाला शुक्ला ने कवयित्री प्रभा मुजुमदार का परिचय कराते हुए उनके रचनात्मक योगदान पर प्रकाश डाला।

‘धरोहर’ के अंतर्गत कवि प्रदीप का अमर गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ गायिका नाज़नीन ने पेश किया। वरिष्ठ पत्रकार अभय मिश्र, लोकप्रिय गायक संगीतकार पं. प्रेम प्रकाश दुबे और अभिनेता रमेश गोयल के सान्निध्य में आयोजित ‘रिमझिम काव्य संध्या’ को संयोजक राजू मिश्र ‘कविरा’, उदय दिवाकर पांडेय, पूनम विश्वकर्मा, दमयंती शर्मा और महेश दुबे ने विविधरंगी कविताओं से सजाया। जाने माने व्यंग्यकार सुभाष काबरा ने व्यंग्य का जलवा दिखाया। हास्य कलाकार सुनील पाल और अशोक मिश्र ने लोगों को हंसाया। प्रख्यात कवि देवमणि पांडेय ने कार्यक्रम का संचालन किया।

इस अवसर पर कवि राजू मिश्र ‘कविरा’ का जन्मदिन उत्सव मनाया गया। जाने माने लेखक व साहित्यकार बोधिसत्व, व्यंग्यकार व लेखक राजेश विक्रांत, अमर त्रिपाठी, राकेश खंकरियाल, हरिगोविंद विश्वकर्मा सहित प्रमुख रचनाकार, पत्रकार, कलाकार और गणमान्य उपस्थित थे।