● उगारित की मिट्टी की तख्ती और भारतीय वेदों में तालमेल का नया रहस्य

कैलिफ़ोर्निया/मुंबई।
प्राचीन सभ्यताओं के बीच सांस्कृतिक सेतु को लेकर एक नई शोध-खोज ने विद्वानों का ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया, सांता बारबरा के शोधकर्ता डैन सी. बासियू ने यह दावा किया है कि 3,000 वर्ष पुराने सीरिया के ‘हिम्न टू निक्कल’ और भारत के प्राचीनतम वेद ऋग्वेद में ध्वनि-संरचना और लय का गहरा साम्य मिलता है।

शोध में क्या सामने आया?
यह भजन उगारित, सीरिया से मिली एक मिट्टी की तख्ती पर अंकित है और दुनिया का सबसे पुराना लिखित गीत माना जाता है। कंप्यूटर आधारित विश्लेषण से पाया गया कि ऋग्वेद के लगभग 19 प्रतिशत श्लोक वही ताल-लय पर समाप्त होते हैं जो हिम्न टू निक्कल में हैं। सांख्यिकीय तौर पर यह समानता एक मिलियन में एक की संभावना से भी कम बताई गई है। जब मेलोडी (सुर) को भी तुलना में शामिल किया गया तो मेल का प्रतिशत कम होकर लगभग 3 प्रतिशत रहा, जो फिर भी किसी भी यादृच्छिक मेल से कई गुना अधिक है।

क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खोज यह संकेत देती है कि ब्रॉन्ज एज (कांस्य युग) में संगीत किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं था बल्कि संस्कृतियों के बीच साझा किया जाता था। शोधकर्ता मानते हैं कि मितानी साम्राज्य जो मध्य एशिया से भारत तक सांस्कृतिक पुल का कार्य करता था, इस आदान-प्रदान का सेतु रहा होगा।

विशेषज्ञों की राय
यह अध्ययन अभी Preprints.org पर प्रकाशित है और peer review प्रक्रिया से नहीं गुज़रा है,वयानी इसे अंतिम सत्य मानना जल्दबाज़ी होगी। लेकिन प्राचीन संगीत और वेदों के अध्ययन में यह एक नई दृष्टि व संभावनाओं के द्वार अवश्य खोलता है।
स्रोत
- Archaeology Magazine – 3,000-year-old hymn reveals musical links
- La Brújula Verde – Song from 3,000 years ago found to connect Bronze Age cultures
- Preprints.org – Bronze Age Songs and Rigveda Connections (Dan C. Baciu, UCSB)