● तेज फुहारों से विचलित हुए बिना शंकराचार्य ने महायज्ञ की परिक्रमा का अपना क्रम जारी रखा
● 400 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ आहुतियों का क्रम अनवरत जारी

मुंबई।
एक तरफ जहां सारी मुंबई इस बारिश में थम सी गई है, उसी में मुंबई में बोरीवली स्थित कोराकेंद्र ग्राउंड पर 108 कुंडों पर चल रहा गौप्रतिष्ठा महायज्ञ सनातन संस्कृति के दृढ़ संकल्प और उसकी निरंतरता का प्रमाण दे रहा है। हिमालय स्थित बद्रिकाश्रम के जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सान्निध्य में चल रहे 108 कुंडीय गौप्रतिष्ठा महायज्ञ में 400 ब्राह्मण पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ आहुतियों का क्रम अनवरत जारी है। स्वयं महाराजश्री ने बारिश की तेज फुहारों से विचलित हुए बिना महायज्ञ की परिक्रमा का अपना क्रम जारी रखा। जलमग्न कारपेट पर भीगे कदमों के साथ अनेक श्रद्धालुओं साधु-संतों, आचार्यों एवं गुरुकुलम के विद्यार्थियों ने भारी बारिश में महाराजश्री के साथ महायज्ञ की परिक्रमा पूरे जोश के साथ की। यहां प्रतिदिन लगभग सात लाख आहुतियां डाली जा रही हैं।

मुंबई में हो रही जबरदस्त बारिश के बावजूद इन कुंडों की अग्निज्वालाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। इस भीषण बारिश में भी शंकराचार्य के चातुर्मास्य महोत्सव में वेद पढ़ने वाले सैकड़ों विद्यार्थियों व आम श्रद्धालुओं द्वारा महारुद्राभिषेक भी लगातार जारी है। महाराजश्री के पूजन में भी श्रद्धालुओं का कारवां लगातार उमड़ रहा है। भारी बारिश में भी महाराजश्री ने स्वयं महायज्ञ की परिक्रमा का क्रम जारी रखा है। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक अनुष्ठान सनातन धर्म के आध्यात्मिक तेज और संकल्प की प्रतिबद्धता देदीप्यमान प्रमाण है। गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने का सनातनियों का संकल्प अवश्य पूरा होगा।

श्रीविद्या साधना शिविर में जुटे साधक
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सान्निध्य में मुंबई के बोरीवली में तीन दिवसीय श्रीविद्या साधना शिविर आयोजित हुआ। इसमें महाराजश्री ने साधकों को ज्ञान, समृद्धि और आध्यात्मिक जागरण के उपाय बताए। सफलता पाने तथा गहन ज्ञान के लिए श्रीसाधना को कारगर उपाय माना जाता है। शिविर में विशिष्ट बीजमंत्रों के जाप से आत्म-जागरण और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए शंकराचार्य से गुरुदीक्षा प्राप्त अनेक शिष्यों ने उपस्थिति दर्ज कराई। महाराजश्री ने साधना में होने वाली त्रुटियों को दुरुस्त करने की सलाह दी। उन्होंने साधकों की शंकाओं और उनके प्रश्नों के समाधान के अनेक तरीके से उपाय भी बताए। उल्लेखनीय है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का दिव्य-भव्य चातुर्मास्य व्रत महामहोत्सव इन दिनों मुंबई में चल रहा है। इस दौरान 33 कोटी गौ-प्रतिष्ठा महायज्ञ के साथ-साथ अनेक धार्मिक-आध्यात्मिक अनुष्ठान भी निरंतर हो रहे हैं। इनमें शामिल होने के लिए देश के अनेक तीर्थ क्षेत्रों मठों व गौसेवा केद्रों से अनेक लोगों का मुंबई आगमन निरंतर जारी है।