
नई दिल्ली।
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर स्थाई समाधान तलाशने के उद्देश्य से विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की 24वीं वार्ता मंगलवार को आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने की।
हालाँकि बैठक से कोई ठोस समझौता नहीं निकल पाया, लेकिन इसे दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने और सीमा विवाद सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2019 के बाद एसआर स्तर की वार्ता रुकी हुई थी। लेकिन पिछले आठ महीनों में यह दूसरी मुलाकात रही, जो इस बात का संकेत है कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण घटनाओं के बाद भी, अब दोनों देश समाधान की दिशा में आगे बढ़ने को इच्छुक हैं।
बैठक में मुख्य रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बनाए रखने, सैन्य तनाव कम करने और आपसी विश्वास बढ़ाने जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
अजीत डोभाल ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात ने रिश्तों को नई दिशा दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीते नौ महीनों से सीमा पर शांति बनी हुई है, जिससे अन्य क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएँ बढ़ी हैं।
डोभाल ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी निकट भविष्य में चीन की यात्रा पर जाएंगे। वहीं, वांग यी ने स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में संबंधों में आई रुकावटें दोनों देशों के हित में नहीं थीं और अब नए सिरे से भरोसा कायम करना समय की मांग है।