● करुणामय फैसलों के लिए मशहूर थे जज फ्रैंक कैप्रियो

न्यूयार्क।
दुनिया उन्हें प्यार से ‘अमेरिका का सबसे दयालु न्यायाधीश’ कहती थी। अपने फैसलों में करुणा और इंसानियत की मिसाल पेश करने वाले, प्रोविडेंस म्यूनिसिपल कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश फ्रैंक कैप्रियो का बुधवार (स्थानीय समय) को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले एक वर्ष से कैंसर से जूझ रहे थे।
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले उनके क्लिप्स ने लाखों दिलों को छुआ था। अदालत की सख़्ती के बीच जब वे किसी आरोपी की परेशानियों को मानवीय नज़रिए से सुनते और मुस्कुराते हुए राहत देते तो पूरा माहौल मानवीय संवेदना से भर उठता। यही कारण था कि उन्हें लोग न्याय का चेहरा नहीं बल्कि ममता का चेहरा कहते थे।
पिछले हफ्ते ही उन्होंने फेसबुक पर एक भावुक वीडियो साझा किया था। उसमें उन्होंने कहा था, ‘पिछले साल मैंने आप सबसे दुआ की गुज़ारिश की थी और मैं जानता हूँ कि आपने की क्योंकि मैंने मुश्किल समय पार किया। दुर्भाग्य से, अब मुझे फिर एक झटका लगा है और मैं अस्पताल में हूँ।’
1936 में रोड आइलैंड में एक साधारण इतालवी-अमेरिकी परिवार में जन्मे कैप्रियो ने न्याय को सिर्फ़ कानून की किताब से नहीं बल्कि दिल की किताब से भी पढ़ा। 1985 से 2023 तक प्रोविडेंस म्यूनिसिपल कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए उन्होंने यह विश्वास जगाया कि न्याय केवल दंड देने का नाम नहीं, बल्कि इंसान को समझने और सहारा देने की प्रक्रिया भी है।
उनका शो Caught in Providence (2018-2020) ने उन्हें ऑनलाइन सनसनी बना दिया। छोटे-छोटे मुकदमों में भी उन्होंने करुणा और विवेक का ऐसा मिश्रण दिखाया कि पूरी दुनिया ने माना कि कानून भी मुस्कुरा सकता है।
2017 में उन्होंने एक यादगार बात कही थी, ‘मुझे उम्मीद है कि लोग यह समझेंगे कि सरकारी संस्थाएँ दया, निष्पक्षता और करुणा के साथ भी काम कर सकती हैं।’
आज जब समाज बार-बार विवादों और टकरावों से गुज़र रहा है, उनकी यह सीख और भी प्रासंगिक हो उठती है।