● झारखंड ने दिल्ली और गुजरात को पछाड़ा

रांची।
झारखंड ने आयकर के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। लखपति करदाताओं की संख्या के मामले में राज्य ने दिल्ली और गुजरात जैसे समृद्ध राज्यों को पीछे छोड़ते हुए देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। केवल कर्नाटक और तेलंगाना झारखंड से आगे हैं।
राज्य की अर्थव्यवस्था का नया संकेत
नवीनतम आयकर आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में लगभग पांच लाख करदाता ऐसे हैं जिन्होंने अपनी वार्षिक आय 12 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच घोषित की है।
कर्नाटक: 20.6% (पहला स्थान)
तेलंगाना: 19.8% (दूसरा स्थान)
झारखंड: 19.5% करदाता
दिल्ली: 17.6%
महाराष्ट्र: 16.2%
गुजरात: 7%
यह आँकड़े झारखंड की प्रगतिशील अर्थव्यवस्था और बढ़ते औद्योगिक विकास की पुष्टि करते हैं।
उद्योगों की बड़ी भूमिका
झारखंड की इस आर्थिक छलांग में राज्य के प्रमुख उद्योगों और कॉरपोरेट समूहों की अहम भूमिका है।
- टाटा स्टील लिमिटेड – राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक समूह और देश के बड़े कॉरपोरेट करदाताओं में शामिल।
- स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), जिंदल स्टील एंड पावर, हिंडाल्को, अदाणी समूह, वेदांता, ये सभी करदाताओं की संख्या और आय में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य योगदानकर्ता हैं।
- कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी CCL कोयला खनन से भारी राजस्व और उच्च वेतन पाने वाले कर्मियों की बड़ी संख्या।
क्यों अहम है यह उपलब्धि?
झारखंड का यह प्रदर्शन दिखाता है कि अब केवल बड़े महानगर ही नहीं, बल्कि अपेक्षाकृत छोटे और मध्यम राज्य भी उच्च आय अर्जित करने वालों की संख्या बढ़ा रहे हैं। यह राज्य की औद्योगिक क्षमता, रोजगार अवसरों और आर्थिक प्रगति का स्पष्ट संकेत है।