● असम के तिलक पंडित की मीठी सफलता की कहानी

गुवाहाटी@असम
अगर हुनर और मेहनत साथ हों तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं असम के गुवाहाटी में रहने वाले तिलक पंडित, जिन्होंने महज 20 साल की उम्र में अपने सपनों को पंख दे दिए।
बचपन से बिहारी परिवार में पले-बढ़े तिलक ने हर साल छठ पूजा में ठेकुआ बनते देखा था। गेहूं का आटा, गुड़, घी और ड्राई फ्रूट्स से बनने वाली यह खस्ता मिठाई सिर्फ प्रसाद नहीं बल्कि संस्कृति का स्वाद भी है। एक बार तिलक ने कॉलेज में ठेकुआ का स्टॉल लगाया। छात्रों को यह इतना पसंद आया कि उनके मन में बिजनेस का ख्याल आया।
घर की रसोई से सीखी रेसिपी और परिवार का साथ लेकर तिलक ने बिना किसी बिजनेस अनुभव के शुरुआत की। सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने मार्केटिंग सीखी और धीरे-धीरे अपने ब्रांड ‘देसी टेसी’ की नींव रखी।
आज तिलक की यह कंपनी देशभर में ठेकुआ डिलीवर करती है। कारोबार लाखों तक पहुंच चुका है और युवा उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा बन गया है। तिलक का सपना है कि आने वाले समय में उनका यह ब्रांड भारत की हर रसोई तक पहुंचे।