● तमिलनाडु में तकनीक से हाथियों की सुरक्षा की नई मिसाल

चेन्नई।
तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले के मदुक्करई इलाके में इन दिनों एक अनोखा संगम देखने को मिल रहा है, जहाँ तकनीक और समर्पण मिलकर वन्यजीव संरक्षण की नई इबारत लिख रहे हैं।
यहाँ हाथियों के झुंड अब रेलवे ट्रैक को बिना किसी खतरे के पार कर पा रहे हैं। वजह है AI-पावर्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम, जिसने नवंबर 2023 से अब तक 6,592 हाथियों की सुरक्षित राह सुनिश्चित की है।
वन विभाग ने हाल ही में एक वीडियो साझा किया, जिसमें हाथियों का परिवार शांति से पटरियां पार करता दिखा। यह संभव हुआ है 12 टावरों और 24 थर्मल कैमरों की चौकस निगरानी से, जिन्हें 25 वनकर्मी, गार्ड, ट्रैक वॉचर और लोको पायलट मिलकर संभालते हैं। जैसे ही हाथियों की मौजूदगी दर्ज होती है, ट्रेन को रोकने का त्वरित अलर्ट भेजा जाता है।
वन विभाग का कहना है, ‘जब तकनीक और प्रतिबद्धता साथ आते हैं, तो चमत्कार होते हैं।’ IAS सुप्रिया साहू ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा, ‘वर्ल्ड एलिफेंट डे पर हाथियों को सुरक्षित जीवन से बढ़कर कोई तोहफ़ा नहीं हो सकता।’ उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर 2023 से अब तक रेल ट्रैक पर किसी भी हाथी की जान नहीं गई है।
यह प्रयास न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरक उदाहरण है। तमिलनाडु का यह मॉडल बताता है कि संरक्षण के लिए तकनीक का उपयोग किस तरह चमत्कार कर सकता है।