● दो पुस्तकों का किया विमोचन
● लगभग 3 करोड आहुतियों के साथ सम्पन्न हुआ गो प्रतिष्ठा महायज्ञ
● शंकराचार्य जी बिहार के हर जिले में करेंगे गौ मतदाता संकल्प सभा

मुंबई।
अपना 23वां चातुर्मास्य व्रत पूर्ण कर परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती १००८ ने आज एयर इण्डिया की विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने जाते समय उपस्थित सभी भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। मुम्बई में सत्संग में प्रतिदिन सम्मिलित भक्तों ने नम ऑखों से शङ्कराचार्य की विदाई की।
ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा जी द्वारा संकलित दो पुस्तकों ‘जीवन में ब्रह्मचर्य की प्रतिष्ठा हो’ और ‘धार्मिक दृढता से होंगी उपलब्धियां’ का विमोचन किया। इन पुस्तकों में मुम्बई चातुर्मास्य के अन्तराल में परमाराध्य द्वारा दिए गये प्रवचनों का संकलन है।
गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के अभियान में आध्यात्मिक ऊर्जा के संचय हेतु शङ्कराचार्य जी महाराज गो प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन करते रहते हैं। इस चातुर्मास्य में भी 108 कुण्डीय यज्ञ में कुल 300 ब्राह्मणों ने आचार्य पं वीरेश्वर दातार जी, आचार्य पं अनिमेष दातार जी एवं आचार्य पं सुधीर जी के आचार्यत्व में सविधि 3 करोड से अधिक आहुतियाॅ सम्पन्न हुईं।
शङ्कराचार्य जी महाराज सभी हिन्दुओं को गौहत्या के पाप से बचाने के लिए गौ मतदाता संकल्प सभा का आयोजन बिहार के हर जिले में करेंगे। इस हेतु शङ्कराचार्य जी की गौभक्त सेना बिहार के लिए रवाना हो चुकी है जिसका संयोजन परमाराध्य के प्रिय शिष्य दण्डी स्वामी प्रत्यक्चैतन्य मुकुन्दानन्द गिरि जी के नेतृत्व में देवेन्द्र पाण्डेय एवं बाबूलाल जांगिड कर रहे हैं।
