● आशीष ‘ अश्क’ की 88 गज़लों का संग्रह गौहर-ए-अश्क का विमोचन

उज्जैन।
‘तेरे दूध से बना है रक्त मेरा
हरेक अंग से ये सदा आ रही है
मिली देह तो माँ के तन से है
ये धड़कन उसी की सना गा रही है’
अपनी 88 वर्षीया माँ को समर्पित 88 गज़लों के साथ आशीष ‘अश्क’ के गज़ल संग्रह ‘गौहर-ए-अश्क’ का विमोचन रविवार 7 सितंबर को उज्जैन के गुजराती समाज स्कूल के हॉल में देश के कई गणमान्य, साहित्यकार, शायर व कवियों के बीच सम्पन्न हुआ। ‘गौहर-ए-अश्क’ के रूप में ग़ज़लकार आशीष ‘अश्क’ की यह चौथी पुस्तक है जो लोक को अर्पित की गई है।
इस समारोह में प्रख्यात उस्ताद शायर समर कबीर ने अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि के रूप में उज्जैन कन्या महाविद्यालय की पूर्व आचार्य श्रीमती डॉ. उमा वाजपेयी थीं। कार्यक्रम में विशेष अतिथि देवास से पधारे चिकित्सक व साहित्यकार डॉ. डी. पी.श्रीवास्तव, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व चित्रकला विभागध्यक्ष डॉ. श्रीकृष्ण जोशी व प्रख्यात पत्रकार, साहित्यकार, प्रोफेसर व डिजियाना न्यूज प्रमुख डॉ. प्रतीक श्रीवास्तव उपस्थित थे। हिंदी छंद के विख्यात कवि ल अशोक रक्ताले ने पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत की। व्यंग्यकार राजेंद्र देवधरे ‘दर्पण’ कार्यक्रम के सूत्रधार थे। इस समारोह को अपनी मधुर आवाज़ से पूर्व आचार्य मुकुंद करंदिकर ने सरस्वती वंदना गाकर प्रारम्भ किया। साथ ही उन्होंने आशीष’ अश्क’ की एक ग़ज़ल गा कर मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक व शायर आशीष अश्क ने भी अपनी ग़ज़लें प्रस्तुत की। आभार प्रदर्शन कल्याण महाराष्ट्र से आए श्री जप्रशांति वेलफेयर ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव ने किया।
समारोह की विशेषता यह रही कि उज्जैन शहर के कई साहित्यकार जिनमें डॉ पुष्पा चौरसिया, डॉ उर्मि शर्मा, डॉ अखिलेश चौरे, हुसैन अहमद शान साहब, शाहनवाज़ असीमी, डॉ रफ़ीक़ नागोरी, अमजद ख़ान ‘अमजद’, संतोष सुपेकर, सुरेश जोशी, निरंजन सर इत्यादि यहाँ मौजूद थे और आशीष अश्क की चौथी व गज़ल संग्रह की दूसरी पुस्तक के इस अवसर पर सबने अपने पसंदीदा शायर का मनपूर्वक स्वागत किया।