● मुकाबले से पहले पक्ष-विपक्ष ने पूरी की तैयारियां

नई दिल्ली। मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले सोमवार को सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपने-अपने सांसदों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। संसद परिसर में भाजपा ने अपने सांसदों के लिए कार्यशाला आयोजित की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। वहीं विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार और अखिलेश यादव की मौजूदगी में मॉक वोटिंग कर रणनीति पुख्ता की।
इस बार चुनाव में राजग उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का सीधा मुकाबला विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी से है। आंकड़ों के लिहाज से राजग का पलड़ा भारी है। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर राजग के पास 422 सांसद हैं, जिनमें वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों का समर्थन मिलकर संख्या 433 हो जाती है। दूसरी ओर, विपक्ष के पास कुल 324 सांसदों का समर्थन है।
चुनाव से ठीक पहले बीजू जनता दल (7 सांसद) और भारत राष्ट्र समिति (4 सांसद) ने मतदान से दूरी बनाने का ऐलान किया, जिससे विपक्ष की स्थिति और कमजोर हो गई। आम आदमी पार्टी ने औपचारिक रूप से रेड्डी का समर्थन किया है, लेकिन उसके भीतर क्रॉस वोटिंग की संभावना भी जताई जा रही है। राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के भाजपा के साथ खड़े होने और कुछ अन्य सांसदों के झुकाव को लेकर अटकलें तेज हैं।
बसपा ने भी अपना रुख साफ नहीं किया है। उसका एकमात्र राज्यसभा सांसद रामजी गौतम गोपनीय मतदान की बात कह रहे हैं, लेकिन राजनीतिक संकेत भाजपा को अप्रत्यक्ष समर्थन की ओर इशारा करते हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 781 सांसद मतदान करेंगे। वोटिंग गुप्त मतपत्र से होगी और व्हिप लागू नहीं है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग का असर देखने लायक होगा। हालांकि आंकड़ों के हिसाब से राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।