● Google Gemini का ‘Nano Banana’ ट्रेंड और ‘हग माय यंगर सेल्फ’ प्रॉम्प्ट सोशल मीडिया पर छाया

मुंबई। भारत में Google Gemini ऐप के नवीनतम AI-इमेज एडिटिंग फीचर Nano Banana ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा रखा है। यूजर्स सिर्फ कुछ सरल प्रॉम्प्ट्स का उपयोग करके अपने फोटो को क्रिएटिव, भावनात्मक और वाइरल-दार लुक देते हुए नए अंदाज़ में पेश कर रहे हैं। वहीं टेक गुरुओं ने ट्रेंडिंग को मनोरंजक तो बताया है लेकिन सावधान रहने को भी कहा है।
क्या है ट्रेंडिंग?
- Hug My Younger Self प्रॉम्प्ट:
इस प्रॉम्प्ट के माध्यम से लोग अपने वर्तमान की तस्वीर और बचपन की तस्वीर को मिलाकर एक Polaroid स्टाइल इमेज तैयार कर रहे हैं, जिसमें बड़े हुए स्वरूप से छोटे स्वरूप को गले लगाने की भावनात्मक झलक होती है। यह ट्रेंड विशेष रूप से बोल्डा भाव और नॉस्टैल्जिया का मिश्रण लेकर आया है। - विंटेज साड़ी / बॉलीवुड-90s ग्लैमर लुक: साड़ी पहन कर पुराने जमाने की बॉलीवुड फिल्मों जैसा लुक तैयार करना बहुत प्रचलित हो गया है। बैकग्राउंड, रंगों, लाइटिंग और पोज़-स्टाइल सब कुछ उसी समय की फिल्मों जैसा डिज़ाइन किया जा रहा है।
- 3D मॉडल / कलेक्टिबल मिनिएचर / एक्शन-फिगर लुक: Nano Banana के ज़रिए लोग अपनी तस्वीरों को छोटे-छोटे कलेक्टिबल मॉडल, मिनिएचर फिगर, या एक्शन-फिगर जैसा रूप दे रहे हैं। इनमें पारदर्शी बेस, रियलिस्टिक टेक्सचर्स, पैकेजिंग जैसी डिटेल्स भी मिल रही हैं।
- सेलिब्रिटी वर्ल्ड लीडर्स के साथ फोटो ट्रांसफॉर्मेशन: कुछ यूजर्स अपना फोटो किसी विश्व नेता के साथ जोड़ कर documentary कलात्मक या सिनेमाई स्टाइल में इमेज बना रहे हैं। जैसे ‘मेरी एक तस्वीर, नेताओं के बीच’ जैसी प्रॉम्प्ट्स सोशल मीडिया पर चल रही हैं।

इस बीच Gemini ऐप की डाउनलोड संख्या तेजी से बढ़ी है। Nano Banana फीचर की वजह से ऐप स्टोर्स पर Gemini का स्थान काफी ऊपर आ गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Instagram, X, TikTok आदि पर उपयोगकर्ता-निर्मित सामग्री की भरमार है। लोग अपने खुद के प्रॉम्प्ट्स शेयर कर रहे हैं, दूसरों के प्रॉम्प्ट्स ट्राय कर रहे हैं।
हालांकि प्राइवेसी और ऑथेंटिसिटी को लेकर कुछ चिंताएँ भी सामने आई हैं। विशेषकर जब AI इमेज में चेहरा/पृष्ठभूमि असली न हो, या AI एडिट्स ने अनचाहे बदलाव कर दिए हों।
टेक विशेषज्ञों ने बताया कि जैसे-जैसे ये ट्रेंड लोकप्रिय हो रहा है, वैसे-वैसे उपयोगकर्ता को अपनी प्राइवेसी और डिजिटल संदर्भों पर भी ध्यान देना होगा कि क्या फोटो असल है, कौन से तथ्य साझा हो रहे हैं और क्या AI एडिट्स ने कहां कोई अनचाही डिस्टॉर्शन न कर दी हो।