मुंबई। विलेपार्ले (पश्चिम) स्थित संन्यास आश्रम में अनंत विभूषित सद्गुरु नारायण महाप्रभु की जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में नारायण भक्त मंडल द्वारा 22 से 2 अक्टूबर तक प्रतिदिन सायं 5 से 7 बजे तक अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त रामकथा वाचिका मानस मुक्ता पूज्या यशुमति जी के व्यासत्व में रामकथा का आयोजन किया गया है।
प्रथम दिवस की कथा में पूज्या यशुमति जी ने कहा कि सनातन धर्म में शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों का अत्यंत महत्त्व है। इन नौ दिनों में नौ देवियों की आराधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि में भगवान श्रीराम का प्राकट्य होता है, वहीं शारदीय नवरात्रि में रावण वध की लीला होती है।

यशुमति जी ने मुंबादेवी माता की महिमा का गान करते हुए व्यासपीठ से निवेदन किया कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने के साथ-साथ आध्यात्मिक केंद्र भी है। यहां माता मुंबादेवी की कृपा के बिना किसी को प्रवेश और ठौर-ठिकाना नहीं मिलता। लोगों को यहां अर्थ और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और जब उनके जीवन में धर्म जुड़ जाता है, तब उनका जीवन धन्य और सफल हो जाता है।
भगवान शिव को गुरु-तत्व का मूल बताते हुए मानस मुक्ता ने कहा, ‘संसार में सबके अपने-अपने गुरु हैं, किंतु उन सबके भी गुरु भगवान शिव ही हैं। जीवन में गुरु और भगवान की कृपा के बिना सत्संग की प्राप्ति संभव नहीं है।’
कथा व्यास ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि रामकथा और श्रीमद्भागवत, दोनों का प्रारंभ मोह से ही हुआ। गुरु-तत्व की महिमा का गान करने के लिए रामचरितमानस से सुंदर कोई ग्रंथ हो ही नहीं सकता। पूर्वकाल में शैव-वैष्णव सहित सभी देवताओं के उपासकों के मध्य चल रहे द्वंद्व को गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना करके समाप्त किया। रामकथा का मंगलाचरण भगवान शिव की आराधना से आरंभ होता है। रामकथा का संदेश यही है कि शिवचरित्र को जाने बिना रामचरित्र को जानना संभव नहीं है।
कथा के मध्य प्रयागराज स्थित नारायण आश्रम से संत गोपी एवं संत लक्ष्मी का आगमन हुआ। इस अवसर पर भगवन्नाम-संकीर्तन करते हुए मानस मुक्ता ने कहा कि संत का सम्मान सदैव भगवन्नाम से करना चाहिए।
इस प्रकार भारी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ-साथ नारायण भक्त मंडल एवं सद्गुरु फाउंडेशन के चेयरमैन गणेश अग्रवाल, निर्माण भाई, राजेश पोद्दार, अंशुल वर्मा, भारती बेन, भूमिका वर्मा, अनुसूया, कैलाश शर्मा, सौम्या सिंह, राजेश सिंह, सचिन, सुरेश शुक्ला, वरिष्ठ समाजसेवक विजय सिंह, भजन गायिका सरला मीरचंदानी तथा हम रामजी के रामजी हमारे हैं सेवा ट्रस्ट, मुंबई के सहसचिव दिनेशप्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
