
● मुंबई। मुंबई मेट्रो ने कम समय में ही शहरवासियों के जीवन का अहम हिस्सा बना लिया है। ट्रैफिक जाम से जूझती मुंबई में यह एक आरामदेह और किफायती विकल्प साबित हो रही है। जहाँ सड़क मार्ग से 1–1.5 घंटे का समय लगता है, वहीं मेट्रो वही दूरी केवल 30 मिनट में पूरी कर देती है। इससे न केवल यात्रियों का समय बच रहा है बल्कि प्रदूषण और जाम की समस्या भी घट रही है।
सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि मुंबई मेट्रो की लाइन-2A (दहिसर ईस्ट–डीएन नगर) और लाइन-7 (दहिसर ईस्ट–गुंडावली) को कार्बन न्यूट्रल का प्रमाणपत्र मिला है। इसका अर्थ है कि इनके संचालन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को सफलतापूर्वक कम और संतुलित किया गया है। जनवरी 2023 से दिसंबर 2024 तक इन लाइनों ने लगभग 85,849 टन CO₂ उत्सर्जन कम करने में योगदान दिया। यात्रियों द्वारा मेट्रो का बढ़ता इस्तेमाल निजी वाहनों पर निर्भरता घटा रहा है, जिससे पर्यावरण और यातायात दोनों को राहत मिली है।
यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय मानक PAS 2060:2014 के अनुसार प्रमाणित है, जो वैश्विक स्तर पर मुंबई मेट्रो की पहचान मजबूत करती है। सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में मेट्रो, लोकल ट्रेन की तरह, आम नागरिकों के लिए बजट-फ्रेंडली और सर्वसुलभ ट्रांसपोर्ट का विकल्प बने।
इस तरह मुंबई मेट्रो न केवल सफर को आसान बना रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मिसाल कायम कर रही है।
